Aam Ki Kheti: आम की खेती कैसे करे? कमाए कम लागत में तगड़ा मुनाफा

Aam Ki Kheti | प्रिय किसान भाईयों आम की खेती एक व्यवसायिक खेती है. इन दिनों केंद्र सरकार भी सामान्य खेती की बजाय बागवानी खेती की तरफ ज्यादा जोर दे रही है. आपको बता दे कि इसके लिए राज्य सरकारें भी किसानों को सब्सिडी मुहैया करवा रही है. आज आम की खेती से देश के किसान अच्छी आमदनी कर रहे है. आम की वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर कम समय में ही अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. आम की खेती उष्ण और समशीतोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु में की जाती है. इसके लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान अति उत्तम होता है.

Aam Ki Kheti
Aam Ki Kheti

यदि आप आम की खेती करना चाहते है तो इस लेख को पूरा पढ़े क्योंकि इस लेख में हम आपको इसकी खेती से जुडी विस्तार सहित जानकारी देने वाले है. इस लेख में हम आम की खेती? आम की खेती वाले राज्य? हाइब्रिड आम की खेती? आम की वैज्ञानिक खेती? आम की उन्नत किस्में? आम की खेती कैसे करे? चौसा आम की खेती? आम की खेती में लागत और मुनाफा? Aam Ki Kheti आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे.

आम की खेती की जानकारी

आम की मांग बाजार में काफी ज्यादा है. बता दे कि भारत में किसानों की आय दोगनी करने के लिए अधिक से अधिक बागवानी की खेती को प्रोत्साहन देना होगा क्योंकि बागवानी की खेती से किसान को काफी लाभ होता है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि जिन क्षेत्रों में आम की खेती लायक जलवायु है उन किसानों को सामान्य खेती के साथ- साथ आम के खेत भी तैयार करने चाहिए. यदि किसान आम की खेती करते है तो उन्हें और भी अच्छी कमाई होगी.

आम की खेती वाले राज्य

भारत में आम की खेती कई राज्यों में की जाती है लेकिन, भारत में सबसे ज्यादा आम की खेती उत्तर प्रदेश राज्य में होती है. उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा आम उत्पादक राज्य है जोकि देश के कुल आम का लगभग 24 फीसदी हिस्सा उगाता है. यहां पर्याप्त मात्रा में जलवायु, जमीन तथा उपयुक्त मानव संसाधन मौजूद है जो आम की खेती के लिए उत्तम है. इसके अलावा आम की खेती महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में भी की जाती है.

हाइब्रिड आम की खेती

आज के समय में आम की कई किस्में मौजूद है जिन्हे रस, स्वाद और पैदावार के हिसाब से उगाया जाता है. इनमे से दशहरी, चौसा, फजरी, नीलम, किशनभोग, मल्लिका, गौरव, रामकेला रत्ना प्रमुख उन्नतशील प्रजातियां है.

आम की वैज्ञानिक खेती

आम भारतीय उपमहाद्वीप में प्रमुख फल है तथा इसकी वैज्ञानिक खेती बहुत आसान है. आम की वैज्ञानिक खेती के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी निचे दे गई है:

  • आम की खेती के लिए अच्छी भूमि और गुदा मृदा होनी चाहिए. साथ ही, जल निकास की अच्छी व्यवस्था जरुरी है.
  • तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए.
  • आम की खेती या बागवानी के लिए वार्षिक बागवानी योजना तैयार करनी चाहिए.
  • इसमें बागवानी की विभिन्न पहलियों, साथ ही रोपण, पानी और मलखेती की व्यवस्था, रोग नियंत्रण तथा कटाई का शेड्यूल शामिल होना चाहिए.

आम की खेती का समय

बता दे आम की खेती (Aam Ki Kheti) में पौधे की रोपाई के लिए मार्च का महिना उचित माना जाता है. वैसे, जिन क्षेत्रों में सिंचाई की व्यवस्था अच्छी नही होती वहा इसके पौधे की रोपाई बारिश के मौसम जून तथा जुलाई महीने में की जाती है. पौधे लगाने के लिए उचित तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस होता है.

आम की खेती में खाद

आम की खेती में उचित खाद का उपयोग करना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि खाद पेड़ के विकास तथा उत्पादन में मदद करती है. आम की खेती में विभिन्न प्रकार की खादो का उपयोग किया जा सकता है जिसकी जानकारी नीचे दी गई है:

  • जीवामृत (Biofertilizers): जीवामृत में प्राकृतिक तत्वों तथा माइक्रोबियल कलो का मिश्रिण होता है जो मिट्टी की गुणवक्ता को बढ़ाता है.
  • घोड़े की गोबर: घोड़े की गोबर में मिट्टी के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का संचय होता है. यह खाद मिट्टी की उचित ढंग से फफूंद के लिए पोषण प्रदान करती है.
  • खड़ (Compost): खड़ बनाने के लिए कचरे, बाल, पौधे के अवशेष आदि का उपयोग किया जाता है. खड़ में विभिन्न पोषक तत्वों का संचय होता है जो मिट्टी को पोषित करते है तथा पेड़ के विकास में भी मदद करता है.

आम की खेती कैसे करे?

बता दे आम की खेती (Aam Ki Kheti) करने के लिए आपको नीचे दिए गए सभी चरणों का पालन करना होगा. इन चरणों की मदद से आप आम की खेती आसानी से कर सकते है. स्टेप्स निचे दिए गए है:

  • आम की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना है.
  • इसके बाद, खेत को पाटा की मदद से समतल कर ले ताकि जल भराव की समस्या न आए.
  • फिर खेत में गड्डे के खुदाई का कार्य आरंभ करे. ध्यान दे कि बड़े वृक्ष के लिए 1*1 मीटर तथा बोनी या मध्यम किस्म के लिए आधे मीटर की लंबाई व चौड़ाई के आकार के गड्डे खोदे.
  • खुदाई के बाद गड्डे को 1 से 2 सप्ताह यानी लगभग 10 से 15 दिनों तक खुला छोड़ना है. इससे मिट्टी के अधिकांश व्याधियों तथा खरपतवार नष्ट हो जाता है.
  • वृक्षरोपण का काम मानसून के महीनों में करना चाहिए.
  • बरसात का मौसम शुरू होने पर गड्डे में 40 से 50 किलोग्राम कंपोस्ट, 2 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट और 10 किलोग्राम पोटाश मिट्टी से अच्छी तरह से मिलाकर भर देवे.
  • पौधा लगाते समय आपको इस बात पर विशेष ध्यान देना है कि पेड़ों को 10*10 मीटर दूरी के अंतराल में ही लगाना है.

केसर आम की खेती

केसर आम (Saffron Mango) की खेती एक विशेष तरह की खेती है जो भारत के कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से की जाती है. केसर आम को तालुका पूरनपुर (उत्तर प्रदेश) का प्रमुख उत्पादन क्षेत्र माना जाता है. इसकी खेती करने के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी, वातावरणीय तत्व तथा व्यापारिक मामलो की जांच करना महत्वपूर्ण है. यदि आप केसर आम की खेती करना चाहते है तथा आप अच्छा उत्पादन चाहते है तो फिर आपको उच्च गुणवत्ता वाले बीजों या पौधे का चयन करना चाहिए.

आम की खेती में सिंचाई

आम के पौधे (Aam Ki Kheti) को प्रारंभिक वर्ष में अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है. बता दे इसके पौधे को 12 से 15 सिंचाई की जरूरत होती है. इसकी प्रथम सिंचाई आपको पौधे रोपाई के तुरत बाद ही कर देनी चाहिए क्योंकि पौधे को विकास के लिए नमी की आवश्यकता होती है. गर्मी के मौसम में 5 से 7 दिनों के अंतराल में सिंचाई करे तथा सर्दियों के मौसम में 10 से 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करे.

दशहरी आम की खेती

दशहरी आम (Dasheri Mango) एक प्रसिद्ध आम की विशेषता है जो की भारत में मुख्य रूप से उत्पादित होता है. दशहरी आम उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिसा, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में विशेष रूप से उगाया जाता है. यह आम उष्णकटिबंधीय जलवायु को अधिक पसंद करता है जिसमे गर्मी का तापमान 30 से 40 डिग्री सेल्सियस तथा उच्च आर्द्रता होती है.

आम की खेती में रोग

आम के पौधे में भी कई तरह के रोग देखने को मिल जाते है जो इसके पौधे को नष्ट कर पैदावार को प्रभावित करते है. पौधे में लगने वाले रोग इस प्रकार है:

  • मैंगो हॉपर
  • तना बेधक
  • आंतरिक विगलन
  • गामोसिस

चौसा आम की खेती

चौसा आम (Chausa Mango) एक प्रसिद्ध भारतीय आम है जो अपने मीठे तथा आकर्षक स्वाद के लिए जाना जाता है. इस आम की खेती के लिए मृदा को सुगंधित, गहरी तथा उपजाऊ बनाना चाहिए. मिट्टी का PH मान भी 6 से 7 के बीच होना चाहिए. इसको खेती के लिए उच्च गुणवक्ता वाले चौसा आम के बीजो का चयन करे जिसमे अच्छी ग्राफ्टिंग तथा विषमता हो.

यह भी पढ़े : लीची की खेती कैसे करे

आम की खेती में लागत व कमाई

आम की खेती (Aam Ki Kheti) में प्रति हेक्टेयर लगाने में 1 लाख रुपए तक का खर्च आ जाता है जो आपको केवल पहले वर्ष ही खर्च करना पड़ता है. इसके बाद आम के फल आने के समय उर्वरक, दवाओ और खाद पर खर्च करना होता है. इसके अलावा, यदि हम इसकी कमाई की बात करे तो प्रति हेक्टेयर से आप प्रतिवर्ष 2 से 3 लाख रुपए आसानी से कमा सकते है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

आम का पौधा कब लगाया जाता है?

आम का पौधा लगाने का सर्वोत्तम समय जून से सितंबर माह तक है. इसकी खेती करने के लिए अच्छे पेड़ तैयार करने होंगे ताकि अच्छी कमाई की जा सके.

आम का पुराना नाम क्या है?

संस्कृत भाषा में आम को आम्र कहा जाता है. इसी से हिंदी, मराठी, मैथिली, बंगाली आदि भाषाओं में इसका नाम आम पड़ गया.

सबसे महंगा आम का पेड़ कौन सा है?

मियाजाक आम, जापानी आम दुनिया का सबसे महंगा आम है. इसकी पैदावार काफी कम होती है इसी वजह से यह सबसे महंगा है.

1 एकड़ में कितने आम के पेड़ लगाए जा सकते है?

एक एकड़ में लगभग 100 आम के पेड़ लगाए जा सकते है. ध्यान रखे पेड़ से पेड़ की दूरी 2 से 3 मीटर तक होनी चाहिए.

दुनिया का सबसे बड़ा आम कौन सा है?

दुनिया का सबसे बड़ा आम नूरजहां आम है. इसकी कीमत 2000 रुपए की है. इस वेरायटी का एक आम का वजन लगभग 3 से 4 किलो का होता है.

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