Chiku Ki Kheti: चीकू की खेती कैसे करे? एक ही सीजन में होगा 7 लाख का सीधा मुनाफा

Chiku Ki Kheti | चीकू एक प्रकार की बागवानी फसल है, जिसकी खेती स्वादिष्ट फल के लिए की जाती है. बता दे, चीकू की खेती से किसान को कम लागत में अधिक फायदा होता है क्योंकि बाजार में चीकू के भाव अन्य फलों की अपेक्षा में थोड़ा ज्यादा होता है. वैसा देखा जाए तो चीकू की बाजार मांग ज्यादातर गर्मी में रहती है. प्रिय किसान भाईयों, यदि आप चीकू की खेती वैज्ञानिक विधि से करते है तो फिर आपको इसकी अच्छी पैदावार मिल सकती है.

Chiku Ki Kheti
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यदि आप भी चीकू खेती करना चाहते है तो फिर आपके लिए यह लेख बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको चीकू की खेती से जुडी विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे. जैसे कि चीकू की जैविक खेती कैसे करे? चीकू की खेती कैसे करे? चीकू की खेती के लिए जलवायु? चीकू की खेती करने वाले राज्य? चीकू की खेती में सिंचाई? Chiku Ki Kheti आदि.

चीकू की खेती की जानकारी

भारत में चीकू की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि है जो व्यापक रूप से की जाती है. इसकी खेती के लिए सही जलवायु, अच्छी भूमि और उच्च उपजाऊ हेतु खाद की उत्तम मात्रा आवश्यक है. जानकारी के लिए बता दे, पूर्वी और दक्षिण एशिया में यह फल सालभर उपलब्ध रहता है. वैसे, इसकी पूरी फसल को सही तरीके से प्रबंधित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना अहम है. इसकी खेती में आपको उचित सिंचाई और रोग प्रतिरोध क्षमता को बनाए रखना है.

इसकी खेती किसी भी उपजाऊ मिट्टी में कर सकते है परंतु अच्छे जलनिकास वाली गहरी जलोढ़, रेतीली दोमट और काली मिट्टी चीकू की खेती के लिए उत्तम मानी जाती है. ध्यान रहे कि चीकू की खेती के लिए मिट्टी का पी.एच मान 6.5 से 7.5 के बीच में होना चाहिए. वहीं, चिकनी मिट्टी और कैल्शियम की उच्च मात्रा युक्त मिट्टी में इसकी खेती कभी नही करनी चाहिए.

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चीकू की खेती का समय

बता दे, चीकू की बुवाई के लिए वर्षा आधारित क्षेत्र में 25 सितंबर से 7 अक्टूबर के पहले का समय उपयुक्त माना जाता है. यदि हम सिंचित क्षेत्र की बात करे तो, इन क्षेत्रों में 15 अक्टूबर से 10 नवंबर तक बुवाई का समय उपयुक्त है.

चीकू की खेती करने वाले राज्य

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि चीकू फल की उत्पति मैक्सिको और मध्य अमेरिका माना जाता है. वही से इसे भारत लाया गया है. हमारे भारत देश में इसकी खेती सबसे ज्यादा गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और हरियाणा राज्य में होती है.

चीकू की खेती के लिए जलवायु

बता दे, चीकू की खेती उष्णकटिबंधीय जलवायु वाली फसल है जिसे वृद्धि करने के लिए आद्र और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है. वैसे, गर्मी के मौसम में चीकू का पौधा अच्छे से विकास कर लेता है. ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों जहाँ अधिक समय तक ठंड पड़ती है, वहा चीकू की खेती (Chiku Ki Kheti) नही करनी चाहिए. बता दे, चीकू के पौधों को शुरुआत में वृद्धि करने के लिए सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है तथा पूर्ण रूप से तैयार पौधे अधिकतम 40 और न्यूनतम 10 डिग्री तापमान को भी सहन कर लेते है.

चीकू की उन्नत खेती

इन दिनों चीकू की कई उन्नत किस्में उपलब्ध है जिसकी जानकारी आपको नीचे दी गई है:

  • पोट सपोटा
  • पीली पत्ती
  • भूरी पत्ती
  • काली पत्ती
  • बारहमासी
  • क्रिकेट बाल
  • पीकेएम 2 हाइब्रिट
  • बहारू

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चीकू की खेती कैसे करें?

अगर आप चीकू की खेती से अच्छा उत्पादन चाहते है तो फिर आपको इसकी खेती सही विधि से करनी चाहिए. सही विधि से चीकू की खेती (Chiku Ki Kheti) करने के लिए नीचे दी गई बातो को अवश्य ध्यान में रखे:

  • चीकू की खेती के लिए सबसे पहले खेत में मौजूद पुरानी फसलों के अवशेषों को हटाकर खेत की गहरी जुताई करे.
  • उसके बाद, खेत में कल्टीवेटर के माध्यम से 2 से 3 अच्छी तिरछी जुताई कर दे.
  • जुताई के बाद खेत में पाटा लगाकर उसे समतल बना दे.
  • समतल करने के बाद उसमे 10 से 12 फीट की दूरी छोड़ते हुए पंक्तियों में गड्डे तैयार करे.
  • गड्डे तैयार करते समय ध्यान रखे कि गड्डे का आकार 1 मीटर चौड़ा और 1 मीटर गहरा होना चाहिए.
  • जब गड्डे पूरी तरह से तैयार हो जाए तब आपको इन गड्डे में पुरानी गोबर की खाद को उचित मात्रा में मिलाना है.
  • इसके बाद, इन गड्डे में पौधे की रोपाई कर दे.
  • चीकू का पौधा आप नर्सरी में तैयार कर सकते है या फिर खरीद कर भी पौधे की रोपाई कर सकते है.
  • जब आप पौधे की रोपाई कर दे तो इसके तुरंत बाद आपको एक हल्की सिंचाई कर देनी है.
  • फसल की पहली गुड़ाई रोपाई के लगभग लगभग 20 से 25 दिन के बाद कर देनी चाहिए.
  • इसके बाद, जब भी फसल में खरपतवार नजर आए तब आपको तुरंत ही निराई- गुड़ाई करवा लेनी है. गुड़ाई करने से पौधों की जड़ों को उपयुक्त मात्रा में हवा मिलने लगती है.

चीकू की वैज्ञानिक खेती

बता दे, चीकू का फल एक पौष्टिक फल है जो विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है. इसकी वैज्ञानिक खेती में कई महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है. अच्छे उत्पादकता वाले पौधों का चयन, सही जलवायु, उचित बीज और पोषण तत्वों की समझ के साथ, चीकू की खेती से उत्कृष्ट फल प्राप्त किया जा सकता है. विशेषज्ञों की सलाह लेना, समय पर सिंचाई और पौधों की उचित देखभाल इसकी उत्पत्ति और गुणवत्ता में सुधार कर सकती है.

चीकू की खेती में सिंचाई

हमारे देश में चीकू के पेड़ को अधिक पानी की आवश्यकता नही होती है. पूर्ण रूप से तैयार चीकू के पौधों को वर्ष में 6 से 7 बार सिंचाई करनी होती है परंतु इसे शुरुआती समय में ज्यादा पानी की जरूरत होती है. सर्दी के मौसम में 10 से 12 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए और गर्मी के मौसम में 3 से 4 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए. वहीं, बारिश के मौसम में वर्षा न होने पर ही पौधों को पानी दे.

चीकू की खेती में खाद

बता दे, चीकू की अच्छी उपज के लिए खाद तथा उर्वरक की उचित मात्रा पौधों को देनी चाहिए. इसके लिए 50 किलोग्राम गोबर की खाद, 1000 किलोग्राम नाइट्रोजन, 500 ग्राम फास्फोरस और 500 ग्राम पोटाश की मात्रा प्रति वर्ष हर पौधे को देनी होती है. ध्यान रहे, इसकी खेती में आपको खाद की उचित मात्रा डालनी है. यदि आपको उचित खाद की मात्रा की जानकारी न हो तो किसी विशेषज्ञ से जरूर सलाह ले.

चीकू की खेती से लाभ

यदि आप चीकू की खेती (Chiku Ki Kheti) करते है तो इससे आपको कई लाभ हो सकते है. वैसे, हमने नीचे कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी दी है जो कुछ इस प्रकार से है:

  • चीकू की मांग बाजार में बहुत ज्यादा है जिससे किसान भाइयों को अच्छा दाम मिल जाता है.
  • चीकू के अंदर उपस्थित पोषक तत्व मानव शरीर के लिए काफी लाभदायक होते है. इसमें विटामिन ए, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व स्वस्थ रखने में मदद करते है.
  • चीकू की खेती वाले क्षेत्रों में छोटे श्रमिक लोगों को चीकू की तुड़ाई के समय रोजगार का अवसर भी मिलता है.

चीकू की खेती में रोग

बता दे कि चीकू के पौधे में कई तरह के रोग देखने को मिलते है जो इसके पौधे और फलों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते है. इन रोगों से पौधों को बचाकर किसान भाई अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते है. यहां कुछ मुख्य रोगों की जानकारी दी गई है:

  • कली की सुंडी
  • पत्तो पर धब्बा रोग
  • तने का गलन
  • एंथ्रेक्लोन
  • बालों वाली सुंडी
  • पत्ते का जाला

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चीकू की खेती में लागत व मुनाफा

बता दे, चीकू की खेती में कमाई पौधे की देखरेख पर भी निर्भर करती है. ध्यान रहे कि जितनी अच्छी पौधों की देखरेख होगी, उतनी अधिक ही उपज प्राप्त होगी. आपको बता दे कि पूर्ण विकसित पौधे से लगभग 120 से 140 किलोग्राम पैदावार मिल सकती है. वैसे, 1 एकड़ खेत में लगभग 100 पौधे लग सकते है जिनकी लागत लगभग 60 से 70 हजार होती है.

यदि कमाई की बात करे तो वर्तमान समय में चीकू का बाजार में भाव लगभग 40 से 60 रुपए/ प्रति किलो है और हमने आपको उपज का विवरण बता दिया है. इस हिसाब से 1 एकड़ के खेत से आप 5 से 7 लाख रुपए की कमाई बड़ी आसानी से कर सकते है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

चीकू का पेड़ कितने साल में फल देता है?

पौधों की रोपाई के 3 से 4 वर्ष के बाद चीकू का पेड़ फल देने लग जाता है. फल देने का समय आपकी देख- रेख पर भी निर्भर करता है.

चीकू में कितने बीज होते है?

चीकू के गुदे के अंदर लगभग 2 से 3 बड़े काले रंग के बीज होते है.

चीकू का पेड़ कितना लंबा होता है?

आमतौर पर चीकू का पेड़ लगभग 12 से 15 फिट ऊंचा हो सकता है, परंतु कई क्षेत्रों में जलवायु के कारण यह लगभग 18 से 19 फिट तक का भी हो सकता है.

चीकू में कौनसा विटामिन पाया जाता है?

चीकू में मुख्य रूप से प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन बी, विटामिन सी और पोटैशियम आदि पोषक तत्व पाए जाते है.

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