Mungfali Ki Kheti: मूंगफली की खेती कैसे करे? कम खर्चे में करे गाढ़ी कमाई

Mungfali Ki Kheti | मूंगफली एक विशेष तिलहनी फसल है. इसे पशुओं के राशन एवं चारे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. तिलहनी फसलों में मूंगफली की खेती करना बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि इसकी खेती कम समय में ही तैयार हो जाती है. इसके अलावा, मूंगफली की खेती में लागत भी कम ही लगती है और मुनाफा अच्छा खासा हो जाता है. बता दे कि हमारे देश भारत में हर साल 6.6 मिलियन हेक्टेयर में मूंगफली की फसल उगाई जाती है और इसमें 6.4 मिलियन टन का उत्पादन होता है.

Mungfali Ki Kheti
Mungfali Ki Kheti

प्रिय किसान भाईयों, आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे है कि मूंगफली की खेती कैसे करे? मूंगफली की ऑर्गेनिक खेती? मूंगफली की खेती के लिए जलवायु? मूंगफली की खेती का समय? मूंगफली की खेती वाले राज्य? मूंगफली की जैविक खेती कैसे करे? मूंगफली की खेती में खाद? मूंगफली की खेती में लागत व मुनाफा? Mungfali Ki Kheti आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी आपको इस पोस्ट में मिलेगी.

मूंगफली की खेती की जानकारी

मूंगफली का पौधा उष्णकटिबंधीय जलवायु वाला होता है जिस वजह से इसकी खेती खरीफ और जायद के समय ही की जाती है. मूंगफली के पौधे में फलियां भूमि के अंदर पाई जाती है जिन्हे मिट्टी से खोदकर निकालना पड़ता है. मूंगफली की अच्छी फसल के लिए हल्की पीली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है. इसकी खेती में भूमि उचित जल निकासी वाली होनी चाहिए ताकि जलभराव की समस्या न हो. ध्यान रहे कठोर चिकनी मिट्टी में इसकी खेती नही करनी चाहिए.

इसकी खेती करने के लिए मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. इसकी खेती शुष्क प्रदेशों में अधिक की जाती है और इसके पौधे गर्मी तथा प्रकाश में अच्छे से विकास करते है. साथ ही, इसकी खेती के लिए 60 से 120 सेंटीमीटर वर्षा की आवश्यकता होती है.

मूंगफली की खेती का समय

उत्तरी भारत में मूंगफली फसल की बुवाई का समय 15 जून से 15 जुलाई तक होता है तथा अगेती बोई गई फसल में पैदावार अधिक होती है. बुवाई करने से पहले बीजों को उपचार आवश्य करे.

मूंगफली की खेती वाले राज्य

हमारे भारत देश में मूंगफली को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात राज्यों में अधिक मात्रा में उगाया जाता है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी मूंगफली की खेती की जाती है. बता दे राजस्थान एक ऐसा राज्य है, जहां पर मूंगफली की खेती लगभग 3.47 लाख हेक्टेयर भूमि पर की जाती है जिसका कुल उत्पादन 6.81 लाख टन के आसपास होता है.

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मूंगफली की खेती के लिए जलवायु

बता दे मूंगफली एक उष्णकटिबंधीय पौधा है तथा इसके लिए अर्ध शुष्क तथा नम जलवायु की आवश्यकता होती है. वैसे, अच्छी पैदावार के लिए 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट का तापमान उचित माना जाता है.

मूंगफली की खेती के लिए उन्नत किस्म

अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए आपको क्षेत्र की जलवायु एवं मिट्टी के अनुसार ही अनुमोदित किस्मों का चयन करना चाहिए. मूंगफली की कई किस्में बाजार में उपलब्ध है जिसकी जानकारी आपको नीचे दी गई है:

  • जीजी 20
  • टीजी 37 ए
  • आरजी 425
  • एच.एच.जी 10
  • एमए 10
  • जी 201, 110, 120

मूंगफली की वैज्ञानिक खेती

अगर आप मूंगफली की खेती (Mungfali Ki Kheti) से अच्छी पैदावार प्राप्त करना चाहते है, तो आपको इसकी खेती वैज्ञानिक तरीके से करनी चाहिए. मूंगफली की वैज्ञानिक खेती के लिए इन बातो को जरुर ध्यान में रखे:

  • इसकी खेती के लिए उपयुक्त भूमि का चयन करना महत्वपूर्ण है.
  • मूंगफली की खेती के लिए उचित गुणवक्ता वाले तथा स्वच्छ बीजों का चयन करे.
  • इसकी बुवाई उपयुक्त समय पर करना अत्यंत जरुरी है.
  • खेत तैयार करते समय आपको खेत में कंपोस्ट या गोबर कंपोस्ट का उपयोग करना है.
  • इसके पौधों को रोगों और कीटो से बचाने के लिए उपयुक्त कीटनाशकों का प्रयोग करे.

NOTE: ध्यान रहे की मूंगफली की वैज्ञानिक खेती अलग- अलग क्षेत्रों तथा जलवायु में अलग- अलग तरीको से की जाती है, इसलिए स्थानीय विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले.

गर्मी में मूंगफली की खेती

गर्मियों में मूंगफली की खेती की जा सकती है लेकिन, इस समय आपको फसल का उचित ध्यान रखना होगा. गर्मी के दिनों में इसकी बुवाई 1 मार्च से 30 मार्च के बीच कर लेनी चाहिए. मूंगफली के बीज को बोते समय जमीन का तापमान, पानी की आपूर्ति और रोशनी का ध्यान रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है. वैसे, आपके क्षेत्र की भूमि और मौसम के अनुसार स्थानीय किसानों या कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेना फायदेमंद साबित होगा.

खरीफ मूंगफली की खेती

बता दे खरीफ मूंगफली की बुवाई जून और जुलाई के महीने में की जाती है. बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार कर ले. मूंगफली की फसल में खरपतवार नियंत्रण करना बेहद आवश्यक है. Mungfali Ki Kheti में खरपतवार की अधिकता के कारण फसल की उपज पर प्रभाव पड़ता है. खरपतवार प्रबंधन न किया जाए तो, 40 से 50 फीसदी तक फसल का नुकसान हो सकता है.

लाल मूंगफली की खेती

भारत में लाल मूंगफली जिसे अंग्रेजी भाषा में “Red Peaunt” भी कहते है, एक विशेष प्रकार की मूंगफली होती है जिसके बीज लाल रंग के होते है. लाल मूंगफली गर्म और आदर्शता क्षेत्रों में अच्छे से उगती है. इस मूंगफली की मांग बाज़ार में अधिक रहती है क्योंकि यह खाने में काफी स्वादिष्ट होती है.

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मूंगफली की खेती कैसे करें?

यदि आप मूंगफली की खेती सही तरीके से करते है तो इससे आपको अच्छा उत्पादन मिलेगा. अगर आप इसकी खेती करना चाहते है तो निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करे:

  • सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार कर ले. इसके लिए आपको खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर लेनी है.
  • जुताई से मिट्टी का पलटाव अच्छे से हो जाएगा. इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बरक़रार रहती है.
  • इसके बाद, पाटा की मदद से खेत को समतल कर ले ताकि जलभराव की समस्या ना हो.
  • अब उचित मात्रा में गोबर खाद या कंपोस्ट खाद डाले.
  • एक बार पुनः जुताई करे. इससे खाद व मिट्टी अच्छे से मिल जाएंगे और भूमि को पोषण मिलेगा.
  • इसके बाद, आप प्रमाणित बीजों का चुनाव करे और बीजों का उपचार करके ही बुवाई करे.
  • मूंगफली की खेती बारिश के समय होती है और इस मौसम में रोग तथा कीट फसल में ज्यादा लगते है. इसलिए रोग तथा कीटो का विशेष ध्यान रखना है.
  • इसके बाद समयनुसार सिंचाई करे.

मूंगफली की जैविक खेती कैसे करे?

जानकारी के लिए बता दे मूंगफली की जैविक खेती (Mungfali Ki Kheti) एक सुरक्षित तरीका है जिसमे केवल प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया जाता है. इसमें केमिकल तथा कीटनाशकों का उपयोग बिलकुल भी नही किया जाता. यह विकासशील कृषि पद्धति है. इसमें मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए जैविक कंपोस्ट, बायोफेर्टीलाइजर और प्राकृतिक जीवामृत का उपयोग किया जाता है.

मूंगफली की खेती में खाद

बता दे मूंगफली की खेती में नाइट्रोजन की कम आवश्यकता होती है. मूंगफली में 20 से 25 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस, 40 किलोग्राम पोटाश/ प्रति हेक्टेयर देनी चाहिए. इसके अलावा, 200 से 350 क्विंटल गोबर की खाद मूंगफली लगाने से 15 से 20 दिन पहले खेत में मिलाकर जुताई कर देनी चाहिए.

मूंगफली की खेती में सिंचाई

बता दे मूंगफली खरीफ फसल होने के कारण इसमें ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नही पड़ती है क्योंकि खरीफ की फसल बारिश के मौसम में की जाती है. यदि आपके क्षेत्र में आवश्यकता अनुसार बारिश नही होती है तो फिर, आप हल्की सिंचाई कर सकते है. जब मूंगफली के पौधे में फूल और फलिया बनने लगे उस दौरान खेत में नमी की मात्रा बनाए रखने की आवश्यकता होती है.

यदि आप मूंगफली की खेती गर्मी के मौसम में करते है तो फिर, 5 से 6 सिंचाई की आवश्यकता होती है. पहली सिंचाई अंकुरण के बाद, दूसरी सिंचाई बुवाई 25 दिन बाद, तीसरी सिंचाई बुवाई के 40 दिन बाद, चौथी सिंचाई बुवाई 55 दिन के बाद और आखरी सिंचाई बुवाई के 70 से 75 दिन के बाद कर देनी चाहिए.

मूंगफली की खेती में लागत व मुनाफा

भारत में मूंगफली की सिंचित क्षेत्रों में इसकी उपज 25 से 30 क्विंटल/ प्रति हेक्टेयर प्राप्त की जा सकती है. इसकी खेती (Mungfali Ki Kheti) में लगभग 30 से 40 हजार रुपए/ प्रति हेक्टर का खर्चा आता है. यदि हम इसके मंडी भाव की बात करे तो, मूंगफली का भाव 30 से 45 रुपए/ प्रति किलोग्राम रहने पर 40 से 50 हजार रुपए/ प्रति हेक्टेयर का शुद्ध लाभ प्राप्त किया जा सकता है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

मूंगफली बोने का सही समय क्या है?

भारत में मूंगफली बोने का सही समय 15 जून से 15 जुलाई तक का है. अलग- अलग क्षेत्रों में जलवायु के कारण से इसका बुवाई का समय अलग भी हो सकता है.

मूंगफली के लिए कौन सी मिट्टी चाहिए?

मूंगफली के लिए दोमट, बलुआर दोमट या हल्की दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. ध्यान रहे मिट्टी का पी.एच. मान 6 से 7 के बीच में ही होना चाहिए.

मूंगफली की खेती कितने महीने में होती है?

मूंगफली की खेती 3 से 4 महीनों की होती है. इसमें 25 क्विंटल/ प्रति हेक्टेयर उत्पादन हो सकता है. इस खेती में खरपतवार की अधिकता के कारण फसल की उपज पर प्रभाव पड़ता है.

मूंगफली की अच्छी पैदावार कैसे करे?

यदि आप मूंगफली की अच्छी पैदावार प्राप्त करना चाहते है तो आपको समय पर बीज लगाना चाहिए. अच्छी वैरायटी का बीज चुनाव, पकते समय रोग किट का ध्यान व समय पर कटाई आदि विषयों पर ध्यान देना होगा.

गर्मी में मूंगफली की बुवाई कब की जाती है?

यदि आप मूंगफली की खेती गर्मी के मौसम में करते हैं तो, फिर आपको इसकी बुवाई 1 मार्च से 30 मार्च के बीच कर लेनी चाहिए. यही इसके लिए उचित समय माना जाता है.

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