Phool Gobhi Ki Kheti: फूलगोभी की खेती कैसे करे? ऐसे पाए मोटा मुनाफा

Phool Gobhi Ki Kheti | फूलगोभी हमारे भारत देश की प्रमुख सब्जियों में से एक है. इसकी खेती से किसान शानदार मुनाफा कमा सकते है. भारत में फूलगोभी की खेती लगभग सभी राज्यों में की जाती है. भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इसकी कृषि का कुल क्षेत्रफल लगभग 3000 हेक्टेयर है जिसमे तकरीबन 6,85,000 टन उत्पादन होता है. लोग फूलगोभी का इस्तेमाल सब्जी, अचार, सलाद, बिरयानी, पकौडे और सूप के रूप में करते है. वैसे, भारत में आजकल पॉलीहाउस में फूल गोभी की खेती लगभग सभी सीजन में की जा रही है.

Phool Gobhi Ki Kheti
Phool Gobhi Ki Kheti

प्रिय किसान भाईयों, आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे है कि फूलगोभी की खेती कैसे करे? फूलगोभी की खेती के लिए उत्तम जलवायु? फूलगोभी की आर्गेनिक खेती? अगेती फूलगोभी की खेती? फूलगोभी की खेती वाले राज्य? फूलगोभी की खेती का समय? फूलगोभी में लगने वाले रोग और बचाव? फूलगोभी की खेती के लाभ? फूलगोभी की खेती में खाद? फूलगोभी की खेती में लागत व मुनाफा? Phool Gobhi Ki Kheti आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी आपको इस पोस्ट में मिलेगी.

फूलगोभी की खेती की जानकारी

बता दे फूलगोभी, गोभी का एक प्रकार माना जाता है. यह एक पौष्टिक और स्वादिष्ट सब्जी है जो कुकीज़ फैमिली से सम्बंधित है. फूलगोभी के पौधे की ऊंचाई लगभग 1 से 2 फूट तक होती है तथा इसकी पत्तियां सफेद रंग की होती है. फूल गोभी की खेती शुरू करने से पहले उपयुक्त भूमि का चयन, बीज, उपयुक्त समय और उर्वरक उपयोग जैसे कई आवश्यक तत्वों का ध्यान रखना जरूरी होता है.

फूलगोभी को सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशकों का सही मात्रा में इस्तेमाल करने से उत्पादकता और गुणवक्ता में सुधार किया जा सकता है. फूल गोभी की खेती व्यापारिक रूप से भी लाभदायक हो सकती है जो उत्पादकों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाती है.

फूलगोभी की खेती का समय

बता दे फूलगोभी के पौधों की अगेती किस्मों को जून और जुलाई महीने में लगाया जाता है जोकि उचित समय में पैदावार देकर बाजार में अच्छी कीमत भी प्राप्त करती है. इसके अलावा, मध्यम किस्म के पौधों की रोपाई सितंबर के महीने में की जाती है. वही, पछेती किस्मों को अक्टूबर के माह में लगाया जाता है.

फूलगोभी की खेती वाले राज्य

भारत में फूलगोभी की खेती (Phool Gobhi Ki Kheti) लगभग सभी राज्यों में की जाती है. लेकिन, मुख्य राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और उड़ीसा है.

फूलगोभी की खेती के लिए जलवायु

भारत में फूलगोभी की सबसे अच्छी खेती ठंडी- नम जलवायु में होती है. यह ज्यादा ठंड या गर्मी सहन नही कर पाती है. फूल गोभी के फूलो और पौधों को अच्छे से विकास करने के लिए 15 से 18 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है. परंतु, अधिक तापमान में वृद्धि होने पर फूल अच्छे से वृद्धि नही कर पाते है जिससे पैदावार भी प्रभावित होती है.

फूलगोभी की उन्नत किस्में

वर्तमान समय में फूलगोभी की कई उन्नत किस्में भारतीय बाजार में मौजूद है जिन्हे रोपाई के हिसाब से अगेती, पछेती तथा मध्यम श्रेणी में बांटा गया है. किस्मे इस प्रकार है:

  • अगेती किस्में: पूसा दीपाली, अर्ली कुंवारी, कार्तिकी, पूसा अर्ली सिंथेटिक आदि. अधिक पैदावार देने के लिए उगाया जाता है.
  • मध्यम प्रजाति किस्में: पूसा सुभ्रा, पूसा हिम ज्योति आदि. यह पौधे की रोपाई के 90 दिन बाद पैदावार देना शुरू कर देती है. यह किस्म करीबन 200 से 250 क्विंटल की पैदावार देती है.
  • पछेती किस्में: स्नोबाल 16, पूसा स्नोबाल 1, पूसा स्नोबाल के आदि. इस प्रजाति को फरवरी तथा मार्च जैसे सामान्य तापमान में उगाया जाता है.

फूलगोभी की आधुनिक खेती

भारत में फूलगोभी की आधुनिक खेती (Fulgobi Ki Kheti) में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समुदाय के सहयोग से उत्पादन और गुणवत्ता को सुधारा जाता है. आधुनिक खेती में तकनीकों का उपयोग करके फूल गोभी की उत्पादकता बढ़ाने तथा रोगों से बचाने का प्रयास किया जाता है.

यह भी पढ़े : मटर की खेती कैसे करे

फूलगोभी की ऑर्गेनिक खेती

भारत में फूलगोभी की ऑर्गेनिक खेती में रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक और हाइब्रिड्स का उपयोग नही किया जाता है. इस खेती के तकनीकों में प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके पौधों को संतुलित पोषण तथा जीवाणु संतुलन में सुधार होता है. ऑर्गेनिक खेती में तकनीकों का उपयोग करके, फूल गोभी की खेती को संरक्षित बनाए रखा जाता है जिससे उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होता है.

जैविक फूलगोभी की खेती

अगर आप फूल गोभी की जैविक खेती करना चाहते है तो निम्नलिखित चरणों का पालन करे:

  • जैविक फूलगोभी की खेती मे गोबर कंपोस्ट, रासायनिक मुक्त खाद का उपयोग करके पौधों को पोषण किया जाता है.
  • इसकी खेती में उच्च जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए.
  • इस खेती में आपको जलवायु प्रबंधक का खास ध्यान रखना है ताकि पौधों को उचित तापमान, सिंचाई और आवश्यक पोषण मिले.

अगेती फूलगोभी की खेती

फूलगोभी की अगेती किस्म को अधिक तापमान में उगाने के लिए तैयार किया गया है. पूसा दीपाली, अर्ली कुंवारी, कार्तिकी, पूसा अर्ली सिंथेटिक है यह सभी अगेती किस्में है. इस किस्म के पौधे में 24 से अधिक पत्तियां पाई जाती है. अगेती किस्मों को जून और जुलाई के माह में लगाया जाता है. इस किस्म में फूल सफेद और ठोस गूथे हुए पाए जाते है जो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 40 से 50 क्विंटल तक की पैदावार देती है.

गर्मी में फूलगोभी की खेती

भारत में गर्मी के दिनों में भी फूलगोभी की खेती (Phool Gobhi Ki Kheti) की जा सकती है, परंतु इसके लिए आपको निम्नलिखित बातो का ध्यान रखना होगा. जोकि इस प्रकार है:

  • गर्मियों में फूलगोभी की बुनियादी उपजाऊ अवस्था का समय चुनाव आवश्यक है.
  • इस मौसम में आपको सिंचाई नियमित रूप से करनी होगी क्योंकि गर्मी में इस फसल को पानी की ज्यादा जरुरत होती है.
  • खेत में कीटनाशकों का सही रूप से उपयोग करे ताकि, कीटाणु और कीड़े का प्रबंधन हो सके.

बरसात में फूलगोभी की खेती

यदि आप फूलगोभी की खेती बरसात के मौसम में करते है तो फिर आपको अपने खेत में जलनिकास की उचित व्यवस्था कर लेनी है. इससे आपके खेत में पानी जमा नही होगा. फूलगोभी के पौधे में बरसात के दिनों में रोग अधिक लगते है. इसके बचाव के लिए कीटनाशक दवाई का समय- समय पर छिड़काव करन जरुरी है.

फूलगोभी की खेती कैसे करें?

भारत में आमतौर पर हर मौसम ने फूलगोभी की खेती की जा सकती है. फूलगोभी की खेती करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  • फूलगोभी की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले उपजाऊ भूमि का चयन करना होगा.
  • जमीन अच्छे से ड्रेन होनी चाहिए ताकि पानी जमा ना रहे.
  • खेत को अच्छे से जुताई करे. समृद्धि खेती के लिए उर्वरक या कॉपोस्ट का उपयोग कर सकते है.
  • इसके बाद, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज खरीदे. ध्यान रहे बीज उचित समय पर ही लगाए.
  • यदि आप बीज नही लगाना चाहते है तो फिर आप सीधे पौधे भी खरीद सकते है. फिर उन्हें उचित समय पर रोपाई कर दे.
  • रोपाई के बाद आपको प्रति पौधे को उचित मात्रा में खाद देना होगा.
  • इसके बाद, आपको हल्की सिंचाई करनी है.
  • इस खेती में कीटनाशकों का सही रूप से उपयोग करें.
  • इसके अलावा, आपको खरपतवार का भी विशेष ध्यान रखना है.

फूलगोभी की खेती में सिंचाई

बता दे फूलगोभी के पौधों को अच्छे से विकास करने के लिए नमी की आवश्यकता होती है इसलिए इन्हे अधिक सिंचाई की जरूरत होती है. इसके लिए खेती में पौधे की रोपाई के तुरंत बाद ही इसकी पहली सिंचाई कर देनी है. मिट्टी तथा मौसम के आधार पर इसके पौधे की सिंचाई करते रहे. गर्मी के मौसम में इस खेती में आपको सप्ताह में 1 से 2 बार सिंचाई करना जरुरी है. बारिश के मौसम में फूलगोभी की खेती को सिंचाई की जरूरत नही होती है और सर्दियों के मौसम में इस खेती को 10 से 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए.

फूलगोभी में लगने वाले रोग और बचाव

  • सुंडी रोग: यदि एक बूटे पर दो सुंडिया दिखे तो फिर आपको बीटी 10 ग्राम को प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर शाम के समय स्प्रे करना है. इसके अलावा, यदि कीट ज्यादा है तो थायोडीकार्ब 75WP 40 ग्राम को प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करे.
  • चमकीला पीठ वाला पतंगा: इस किट के नियंत्रण के लिए शुरुआत में नीम के बीजों का अर्क 40 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर फूल बनने की शुरुआती अवस्था में स्प्रे करे.
  • रस चूसने वाले कीड़े: रस चूसने वाले कीड़े जैसे चेपे और तेले का प्रकोप दिखाई दे, तो इमीडाकलोप्रीड 17.8 एसएल 60ML को 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करे.

फूलगोभी की खेती में खाद

जानकारी के लिए बता दे फूलगोभी की फसल के लिए खाद की आवश्यकता मिट्टी की उर्वरता पर निर्भर करती है. फसल की रोपाई से पहले आपको मिट्टी में 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद डालकर खेत में जुताई कर देनी है. आमतौर पर, फूलगोभी की फसल को अधिकतम उपज के लिए 200 किलोग्राम नाइट्रोजन, 75 किलोग्राम फास्फोरस और 75 किलोग्राम पोटेशियम प्रति हेक्टेयर देना चाहिए.

यह भी पढ़े : लौकी की खेती कैसे करे

फूलगोभी की खेती के लाभ

भारत में लगभग ज्यादातर राज्यों में फूल गोभी की खेती (Ful Gobhi Ki Kheti) की जाती है. फूलगोभी की खेती के कई लाभ होते है, जो निम्नलिखित है:

  • फूलगोभी की खेती, भूमि के पोषक तत्वों को बनाए रखने में मदद करती है और मिट्टी की नमी को सुधारती है.
  • फूलगोभी Vitamin C, Vitamin A, Vitamin K, फोलिक एसिड, कॉम्प्लेक्स के स्त्रोत के रूप में अच्छा है. इससे स्वास्थ को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है.

फूलगोभी की खेती में लागत व मुनाफा

बता दे फूलगोभी की खेती में प्रति हेक्टेयर रोपाई से लेकर कटाई तक कुल लागत लगभग 40 से 50 हजार रुपए तक की आती है. यदि हम इसकी पैदावार की बात करे तो 150 क्विंटल/ प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. वही, बाजार में फूलगोभी के दाम 20 से 25 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच रहता है. इस हिसाब से किसान भाई 1 हेक्टेयर के खेत में फूलगोभी की एक बार की फसल से तकरीबन 2 लाख से 2.5 लाख रुपए तक की कमाई आसानी से कर सकते है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

फूलगोभी का सबसे अच्छा बीज कौनसा है?

पूसा मेघन, पूसा अश्विनी, पूसा कार्तिक, यह सभी बीज सबसे अच्छे है तथा इन सभी बीजों को अगेती फूलगोभी के बीज कहा जाता है.

फूलगोभी की खेती कितने दिन में तैयार हो जाती है?

आमतौर पर फूलगोभी की खेती 70 से 130 दिनों में ही तैयार हो जाती है. इसका उत्पादन 150 क्विंटल/ प्रति हेक्टेयर तक होता है.

1 किलो फूलगोभी की कीमत क्या है?

भारतीय बाजारों में या फिर मंडियों में फूलगोभी का भाव लगभग 25 से 30 रुपए किलोग्राम चल रहा है. वैसे, इसका भाव मौसम के अनुसार बदलता रहता है.

गोभी का बीज कितने दिन में उगता है?

फूलगोभी के बीजों को पूरी तरह से अंकुरित होने में लगभग 8 से 10 दिनों का समय लगता है.

फूलगोभी में कौन सी दवाई डाले?

फूलगोभी के पौधे की ग्रोथ बड़ाने के लिए बोरान का स्प्रे करे. बता दे बोरान का छिड़काव करने से पौधा का विकास होता है और साथ ही फूलगोभी सफेद और चमकदार होता है.

Leave a Comment