Dragon Fruit Ki Kheti: ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करे? यहाँ समझे लागत व मुनाफा का झोल

Dragon Fruit Ki Kheti | अगर आप एक प्रगतिशील किसान है और खेती में कुछ नया करना चाहते है तो इस बार आपको ड्रैगन फ्रूट की खेती करनी चाहिए. दिन- प्रतिदिन ड्रैगन फ्रूट किसानों के बीच बहुत प्रसिद्ध हो रहा है. शुरुआती समय में कुछ ही किसान भाई इस फल की खेती करते थे परंतु काफी किसान इसकी खेती करने में रुचि ले रहे है. वर्तमान समय में सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है इसलिए देश के कई हिस्सों में इसकी खेती में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यदि आप वैज्ञानिक विधि से ड्रैगन फ्रूट की खेती करते है तो आपको इसकी पैदावार भी अधिक मिलेगी.

Dragon Fruit Ki Kheti
Dragon Fruit Ki Kheti

ड्रैगन फ्रूट की खेती भी मुनाफे वाली खेती में से एक है. अगर आप भी इसकी खेती करना चाहते है तो फिर आपके लिए यह लेख बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको- ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करे? ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उत्तम जलवायु? ड्रैगन फ्रूट की खेती में सिंचाई? ड्रैगन फ्रूट की खेती के लाभ? Dragon Fruit Ki Kheti आदि की पूरी जानकारी देंगे.

ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी

बता दे ड्रैगन फ्रूट एक प्रकार की कैक्टस बेल है जिसका साइंटिफिक नाम “हिलोसेरस अंडस” है. इस फल की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मौसम गर्मी का होता है जब तापमान उच्च रहता है. वैसे, ड्रैगन फ्रूट का पौधा 3 से 5 वर्षो में फल भी देने लगता है. इसकी खेती करने के लिए भूमि को अच्छी तरह से तैयार करना काफी जरुरी है. सिंचाई प्रबंधन और उर्वरक का सही से उपयोग भी फलों की उत्पत्ति में मदद करता है.

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बेहतर जीवाश्म और उचित जल निकासी वाली दोमट मिट्टी को सर्वोत्तम माना गया है. इसकी खेती के लिए मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. अगर आपके क्षेत्र में यह सब चीज़े है तो आप इसकी खेती बड़ी आसानी से कर सकते हो.

ड्रैगन फ्रूट की खेती का समय

भारत देश में ड्रैगन फ्रूट मूल रूप से कैक्टस की प्रजाति है जोकि उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छे से पनपती है. वैसे, ड्रैगन फ्रूट का पौधा रोपण जून के अंतिम सप्ताह से अगस्त माह तक गर्म वातावरण में किया जा सकता है.

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ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले राज्य

हमारे भारत देश में ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Ki Kheti) कई राज्यों में की जाती है. वैसे महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में इसकी खेती अधिक होती है.

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए जलवायु

बता दे ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उष्ण जलवायु और वार्षिक वर्षा लगभग 50 सेंटीमीटर उपयुक्त मानी जाती है. इसकी खेती के लिए न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. यह तापमान इसकी खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है.

ड्रैगन फ्रूट वैज्ञानिक खेती

देश में ड्रैगन फ्रूट की वैज्ञानिक खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके होते है, जैसे कि- उचित बीज और मिट्टी का चयन, समय पर पानी और कीट प्रबंधन, उपयुक्त खादों का प्रयोग आदि. ड्रैगन फ्रूट के पौधों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यकता अनुसार खाद देना भी काफी जरुरी होता है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए ड्रैगन फ्रूट की वैज्ञानिक खेती की जाती है.

ड्रैगन फ्रूट की उन्नत किस्में

भारत में ड्रैगन फ्रूट की विभिन्न प्रकार की उन्नत किस्मों की खेती की जाती है. किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही ड्रैगन फ्रूट की किस्मों का चयन करना चाहिए ताकि अच्छा उत्पादन मिले. कुछ प्रमुख किस्मो की जानकारी निचे दी गयी है:

  • कोनी मायर
  • डिलाईट
  • वालदीव रोजा
  • पर्पल हेज
  • आइसिस गोल्डन यैलो
  • S8 शुगर
  • आउसी गोल्डन यैलो
  • वियतनाम वाईट
  • रॉयल रैड
  • सिंपल रैड

नोट : अपने क्षेत्र के हिसाब से ही किस्म का चयन करे.

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ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें?

बता दे ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए उत्तम विधि का पालन करे. इस विधि से आप ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Ki Kheti) (Dragon Fruit Ki Kheti) भी आसानी से कर सकते है और आपको खेती में किसी तरह की समस्या भी नही आएगी. निचे दिए गए चरण फॉलो करे:

  • ड्रैगन फ्रूट के पौधे को खेत में लगाने से पहले, खेत की अच्छी तरह से 2 से 3 बार गहरी जुताई कर ले.
  • इसके बाद, आपको खेत में रोटावेटर चला देना है. इससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी.
  • इसके कुछ ही दिनों बाद 15 गाड़ी पुरानी गोबर की खाद को प्राकृतिक खाद के रूप में डाल देना है.
  • फिर आपको पाटा की मदद से खेत को समतल करना है. समतल करने से आपको जलभराव जैसी समस्या नही होगी.
  • समतल करने के बाद आपको 7 से 8 फिट की दूरी रखते हुए गड्डे खोद लेने है. ध्यान रहे कि प्रत्येक गड्डे कम से कम 2 फिट गहरे तथा 2 फिट चौड़े होने चाहिए.
  • आपको यह सभी गड्डे पौधे की रोपाई से 20-25 दिन पहले ही तैयार कर लेने है.
  • इसके अलावा, ड्रैगन फ्रूट की खेती में पौधों की रोपाई के समय जैविक खाद ही डालनी है. इससे पौधे का तेज़ी से विकास होता है.
  • इसके बाद, इन गड्डो में ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगा दे. वैसे, आप सीधे पौधे खरीद के भी लगा सकते हो.
  • अब आपको समय- समय और जरुरत के हिसाब से सिचाई करनी है. वैसे, सिंचाई ड्रिप विधि से करनी बेहतर होगी.

ड्रैगन फ्रूट की जैविक खेती

बता दे ड्रैगन फ्रूट की जैविक खेती पर्यावरण तथा स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सुस्त, प्राकृतिक और निरापद विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है. ड्रैगन फ्रूट की जैविक खेती में केमिकल खाद्य योजनाएं तथा कीटनाशकों का उपयोग नही किया जाता. नीचे कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स बताये गये है जो ड्रैगन फ्रूट की जैविक खेती में महत्वपूर्ण होते है:

  • ड्रैगन फ्रूट की जैविक खेती के लिए सबसे पहले सही भूमि तैयार करनी चाहिए.
  • भूमि में उचित ड्रेनेज व्यवस्था तथा उर्वरक संतुलन के लिए ध्यान देना चाहिए.

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लाभ

बता दे ड्रैगन फ्रूट की खेती से आपको कई तरह के लाभ हो सकते है. इनमे से मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी नीचे दी गई है:

  • ड्रैगन फ्रूट की मांग विश्वभर में बढ़ रही है और इससे किसानों को अच्छी कीमत मिल सकती है जो उसकी आर्थिक स्थिति को सुधार सकती है.
  • ड्रैगन फ्रूट में फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते है जो सेहत के लिए लाभकारी हो सकते है और उच्च मूल्यवान आहार प्रदान कर सकते है.

ड्रैगन फ्रूट की खेती में लगने वाले रोग

भारत देश में ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Ki Kheti) में कई तरह के रोग लग सकते है. इनमे से कुछ प्रमुख रोगों की जानकारी नीचे दी गई है:

  • थ्रिप्स
  • एंथेक्नोज
  • एसीफेट
  • मैंकोजेब

ड्रैगन फ्रूट की खेती में खाद

यदि आप ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे है तो प्रत्येक पौधों को अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद 10 से 12 किलोग्राम या फिर कंपोस्ट खाद देनी चाहिए. इसके अलावा 50 ग्राम यूरिया, 50 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, 100 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की जरूरत होती है.

ड्रैगन फ्रूट की खेती में सिंचाई

बता दे ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है इसलिए इसकी खेती में ड्रिप सिंचाई का ही उपयोग करना चाहिए. बता दे, सर्दियों के मौसम में इसके पौधे को एक माह में केवल 2 बार सिंचाई की जरूरत होती है जबकि गर्मी के मौसम में इसकी खेती के लिए 8 से 10 दिनों के अंतराल में सिंचाई की जरूरत पड़ती है.

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ड्रैगन फ्रूट की खेती में लागत व कमाई

बता दे ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Ki Kheti) में कमाई पौधे की देखरेख पर भी निर्भर करती है. जितनी अच्छी पौधों की देखरेख होगी, उतनी अधिक उपज प्राप्त होगी. भारतीय बाजारों में यह 200 से 250 रुपए प्रति किलोग्राम बिकता है.  ड्रैगन फ्रूट खेती से आपको 25 वर्ष तक पैदावार मिलती रहती है. इससे आप प्रतिवर्ष लगभग 4 से 5 लाख रुपए/ प्रति एकड़ आसानी से कमा सकते है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

मुझे कैसे पता चलेगा कि ड्रैगन फ्रूट पका हुआ है?

पके हुए ड्रैगन फ्रूट का रंग चमकीला गुलाबी और त्वचा चिकनी होती है. इसके अलावा पके हुए ड्रैगन फ्रूट की त्वचा पर कुछ भूरे धब्बे होते है.

ड्रैगन फ्रूट इतना महंगा क्यों होता है?

बता दे, ड्रैगन फ्रूट विदेशी फल है जो भारत में नही होते है. इसलिए भारत में यह महंगा मिलता है.

ड्रैगन फ्रूट कितने रुपए किलो बिकता है?

भारतीय बाजारों में ड्रैगन फ्रूट की कीमत लगभग 200 से 250 रुपए किलोग्राम है.

सफेद और लाल ड्रैगन फ्रूट में क्या अंतर है?

जानकारी के लिए बता दे कि लाल ड्रैगन फ्रूट का स्वाद उसके सफेद समकक्षो की तुलना में अधिक मीठा होता है क्योंकि उनमें अधिक चीनी होती है.

ड्रैगन फ्रूट फूल आने के बाद बढ़ने में कितना समय लगता है?

इसके पौधे में फूल आने के बाद लगभग 40 से 50 दिनों के बाद ड्रैगन फ्रूट फल आ जाता है और इसे पकने में लगभग 20 से 30 दिनों का समय लगता है.

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