Adrak Ki Kheti: अदरक की खेती कैसे करे? कम खर्चे में करे 8 लाख की गाढ़ी कमाई

Adrak Ki Kheti | हमारे भारत देश में उगाई जाने वाली पारंपारिक मसालों फसलों में अदरक का मुख्य स्थान है और भारत अदरक का सबसे बड़ा उत्पादक देश भी है. बता दे अदरक का वानस्पतिक नाम “जिंजीबेरे ओफिसिनेल” है जो कि जनजीबेरेसी परिवार में आती है. यह एक मुनाफेदार और अच्छी डिमांड वाली मसाला तथा औषधीय फसल है. भारतीय बाजारों में पूरे साल अदरक की मांग रहने के कारण किसान अदरक की खेती के नवीनतम तरीकों से और अच्छा लाभ कमा सकते है. बता दे अदरक की खेती में लागत कम ही लगती है और मुनाफा अच्छा खासा हो जाता है इसलिए किसान भाई इसकी ज्यादा खेती करते है.

Adrak Ki Kheti
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अगर आप अदरक की खेती करने का मन बना रहे है तो फिर यह लेख आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि आज के इस लेख हम आपको अदरक की खेती से संबंधित कई आवश्यक जानकारी देंगे. जैसे कि- अदरक की जैविक खेती कैसे करे? अदरक की खेती का समय? अदरक की खेती के लिए उत्तम जलवायु? अदरक की खेती वाले राज्य? अदरक की खेती में खाद? अदरक की खेती में सिंचाई? अदरक की खेती में लागत व कमाई? Adrak Ki Kheti आदि.

अदरक की खेती की जानकारी

भारत में अदरक की खेती एक महत्वपूर्ण और लाभकारी कृषि व्यापार है जो विभिन्न क्षेत्रों में संभव है. इसका पौधा अधिकतर उच्च तापमान को पसंद करता है. अदरक की खेती के लिए भूमि को अच्छे से तैयार करना और सही समय पर उर्वरक देना अत्यंत महत्वपूर्ण है. अदरक की सही देखभाल, उचित खरीदारी तंत्र और बाजार में बेचने की जानकारी सफल अदरक की खेती के लिए जरुरी है. इसके अलावा, अदरक की खेती कृषि अर्थव्यवसाय में रोजगार का भी अच्छा स्त्रोत प्रदान करती है.

अदरक की खेती के लिए उपजाऊ दोमट मिट्टी काफी अच्छी मानी जाती है. ध्यान रहे इसकी खेती के लिए मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. वैसे, काली और बलुई मिट्टी में भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है. ध्यान रखे कि आपको बुवाई से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए. इसके अलावा, खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था कर लेनी है.

अदरक की खेती का समय

बता दे भारत देश में अदरक की खेती अलग- अलग मौसम में की जाती है. दक्षिण भारत में इसकी बुवाई मार्च से अप्रैल माह में की जाती है, वहीं उत्तर भारत में इसकी बुवाई का समय मई से जून माह उपयुक्त माना जाता है. अदरक की फसल को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 7 से 8 माह का समय लगता है.

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अदरक की खेती करने वाले राज्य

भारत देश में अदरक की खेती (Adrak Ki Kheti) सर्वाधिक केरल, असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में की की जाती है. अदरक उत्पादन में केरल भारत देश में प्रथम स्थान पर है. वैसे, विश्व में उत्पादित अदरक का लगभग 45 फीसदी अदरक का उत्पादन भारत में होता है.

अदरक की खेती के लिए जलवायु

बता दे अदरक का पौधा गर्म और नम जलवायु का पौधा होता है तथा इसकी खेती के लिए गर्म और आर्द्रता वाले क्षेत्रों की आवश्यकता होती है. अदरक की अच्छी उपज प्राप्त हेतु आपके क्षेत्र की जलवायु 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तक होनी चाहिए. वैसे, ज्यादा तापमान इसकी फसल के लिए नुकसान दायक है.

अदरक की उन्नत किस्में

वर्तमान समय में अलग- अलग जगहो पर अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए अदरक की कई उन्नत किस्मों को तैयार किया गया है जिन्हे उगाकर किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते है. कुछ अदरक की उन्नत किस्में इस प्रकार है:

  • सुरुचि
  • सुप्रभा
  • IISR Mahindra
  • IISR Varada
  • अरनाडू
  • वुल्लूनाटू
  • वायनाड मैनन
  • मारण
  • रियो डी जेनेरियो
  • चाइना

हाइब्रिड अदरक की खेती

देश में हाइब्रिड अदरक की खेती एक उन्नत तकनीक है जो अदरक की उच्च गुणवत्ता और उत्पादकता को मजबूती प्रदान करती है. यह प्रजाति को सुगंधित तथा उच्च योग्यता के रूप में उत्पन्न करने में सक्षम है, जिससे उत्पादकों को बेहतर मूल्य प्राप्त होता है. हाइब्रिड अदरक की खेती (Adrak Ki Kheti) में उचित बीजों का चयन, उचित खेती तकनीक और नियमित देखभाल की आवश्यकता होती है. इस तरह की खेती से मिलने वाली अदरक बाजार में बेहद ख़ास होती है और इनसे किसानों को अच्छी आय की संभावना होती है.

अदरक की जैविक खेती

यदि आप अदरक की जैविक खेती करना चाहते है तो इसके लिए आपको बुवाई से पहले खेत की 2 से 3 जुताई करके 10 से 15 दिनों के लिए खुला छोड़ देना है. इसके बाद, पलेवा करके 2 से 3 दिन बाद खेत में पशुओं के मल-मूत्र से तैयार गोबर की जैविक खाद और फसल अवशेष, केंचुआ द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट खाद डालकर रोटावेटर की मदद से मिट्टी में मिलाकर भुरभूरी बना ले.

बता दे जैविक खेती में भूमि का प्राकृतिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए जैविक खादो का उपयोग किया जाता है. यह खाद खेती में मौसम और भूमि की आवश्यकताओं के हिसाब से तैयार की जाती है और पौधों को सही पोषण प्रदान करती है.

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अदरक की खेती कैसे करें?

अगर आप अदरक की खेती सही तरीके से करते है तो इससे आपको अच्छा उत्पादन मिलेगा. अगर आप अदरक की खेती (Adrak Ki Kheti) सही विधि से करना चाहते है तो निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करे:

  • सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार कर ले. इसके लिए आपको खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर लेनी है. जुताई से मिट्टी का पलटाव अच्छे से हो जाएगा. वहीं, इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बरक़रार रहती है.
  • इसके बाद, पाटा की मदद से खेत को समतल कर ले ताकि जलभराव की समस्या ना हो.
  • अब उचित मात्रा में गोबर खाद या कंपोस्ट खाद डाले.
  • इसके बाद, एक बार पुनः जुताई करे. इससे खाद व मिट्टी अच्छे से मिल जाएंगे और भूमि को पोषण मिलेगा.
  • फिर खेत में पौधों की रोपाई के लिए मेड को तैयार करे.
  • अदरक के बीजों की रोपाई अदरक के रूप में की जाती है. बता दे इसके लिए छोटे अदरक के कंदो को खेत में लगाया जाता है.
  • कंदो की रोपाई के लिए समतल भूमि में एक फीट की दूरी रखते हुए मेडो को तैयार कर लिया जाता है तथा प्रत्येक मेड की चौड़ाई एक फीट तक रखी जाती है.
  • इसके बाद, कंदो को 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी रखते हुए 4 से 6 सेंटीमीटर की गहराई में लगाया जाता है.
  • रोपण करने के बाद समय- समय पर सिंचाई करते रहे.

अदरक की खेती में सिंचाई

अगर आप अदरक की खेती करते है तो फिर आपको इसमें सिंचाई आपके क्षेत्र में हुई वर्षा की तीव्रता तथा आवर्ती के अनुसार ही करनी होगी. यदि गर्मी का मौसम हो, तो फिर आपको फसल में 5 से 6 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी है वहीं, यदि सर्दी का मौसम हो तो आपको 10 से 12 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी है. इस फसल में आपको कुल 15 से 16 सिंचाई करनी होगी.

अदरक की खेती में खाद

भारत देश में अदरक की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको खेत की जुताई के समय 10 से 12 गाड़ी पुरानी गोबर की खाद को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाल देना है और आखिरी जुताई के समय N.P.K. की उचित मात्रा का मिट्टी में छिड़काव करना है. यदि आपके खेत में जिंक की कमी हो तो फिर आपको 25 किलोग्राम जिंक को छिड़क देना है. फिर, बीज रोपाई के लगभग 2 महीने बाद सिंचाई के साथ 20 से 25 किलोग्राम नाइट्रोजन की उचित मात्रा मात्रा डाल दे.

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अदरक की खेती से लाभ

बता दे अदरक की खेती के फायदे विभिन्न पहलुओं में दिखाई देते है. जिसकी जानकारी नीचे दी गई है:

  • अदरक की मांग खाद्य और औषधीय उद्देश्यों के लिए बढ़ रही है जिससे उत्पादकों को अधिक मुनाफा हो सकता है.
  • अदरक की फसल को कम देखरेख की आवश्यकता होती है और यह विभिन्न प्रकार की भूमियों में उगाई जा सकती है.
  • अदरक का उपयोग स्वास्थ्य से जुडी समस्याओं के इलाज में भी होता है जिससे उच्च मूल्य प्राप्त हो सकता है.

अदरक की खेती में लागत व मुनाफा

बता दे अदरक की खेती अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है. अदरक की खेती (Adrak Ki Kheti) में लागत की बात करे तो रोपाई से लेकर कटाई तक की लागत यानि खर्च लगभग 70 से 90 हजार रुपए तक हो सकता है. वहीं, इसकी पैदावार की बात करे तो अगर आप अदरक की खेती 1 हेक्टेयर में करते है तो आपको लगभग 150 से 200 क्विंटल की उपज आसानी से मिल जाएगी.

अगर मुनाफा की बात करे तो भारतीय बाजार या मंडी में अदरक का भाव लगभग 4000 से 5000 रुपए/ प्रति क्विंटल के आसपास होता है यानी किसान अदरक की खेती करके आराम से 6 से 8 लाख रूपए कमा सकते है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

अदरक का दूसरा नाम क्या है?

अदरक को गुजराती में आदू, मराठी में अले, बंगाली में आदा, तमिल में इल्लाम, कन्नड़ में अल्ला तथा हिंदी और पंजाबी में इसे अदरक ही कहते है.

अदरक कितने दिन में तैयार हो जाती है?

अगर आप अदरक की खेती कर रहे है या फिर करना चाहते है तो इस फसल को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 7 से 8 माह समय लगेगा.

सबसे ज्यादा अदरक किस देश में होता है?

सबसे ज्यादा अदरक हमारे भारत देश में होता है. विश्व का कुल उत्पादन का 45 फीसदी अदरक भारत से ही उत्पादन होता है.

अदरक कौनसी बीमारी में काम आता है?

अदरक की फसल एक औषधीय फसल है. इसका उपयोग जोड़ दर्द, सर्दी-जुखाम जैसी कई बीमारियों में काम आता है.

असली अदरक की पहचान कैसे करे?

बता दे, असली अदरक की सुगंध बहुत ही तेज और तीखी होती है. वहीं, नकली अदरक में किसी तरह की गंध नही होती है.

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