Kesar Ki Kheti: केसर की खेती कैसे करे? 4 महीने में कमाए तगड़ा मुनाफा

Kesar Ki Kheti | केसर दुनिया की सबसे महंगी मसाला फसल है. बता दे केसर उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है. यह एक प्रकार की पहाड़ी क्षेत्र की सबसे महंगी फसल है, जो मुख्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में ही विकसित होती है. इसकी खेती विश्व की सबसे कीमती खेती मानी जाती है, जो भारत में केवल जम्मू-कश्मीर की घाटी में की जाती है. यदि आप मसाला फसल की खेती से अच्छा मुनाफा चाहते है तो फिर आपको केसर की ही खेती करना चाहिए क्योंकि भारतीय बाजारों में केसर की मांग बहुत ज्यादा है. इसी कारण से आपको इसका भाव भी अच्छा खासा मिल जाता है.

Kesar Ki Kheti
Kesar Ki Kheti

आज का यह लेख आप सभी किसान भाईयो के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि आज हम आपको केसर की खेती से संबंधित विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे. जैसे कि- केसर की खेती कैसे करें? केसर की खेती के लिए जलवायु? केसर की वैज्ञानिक खेती? केसर की खेती में खाद? केसर की जैविक खेती कैसे करे? कश्मीरी केसर की खेती? केसर की खेती से लाभ? केसर की खेती में लागत व मुनाफा? Kesar Ki Kheti आदि की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी.

केसर की खेती की जानकारी

भारत में केसर की खेती एक महत्वपूर्ण खेती प्रथा है. इसका वानस्पतिक नाम “क्रोकस सैटाइवस” है तथा अंग्रेजी में इसे सैफरन (Saffron) नाम से जाना जाता है. इसका उपयोग आयुर्वेदिक नुस्खों में, खाघ व्यंजनों में और देव पूजा आदि में होता है. केसर लाजवाब स्वाद और रंग के लिए प्रसिद्ध है. इसकी खेती कश्मीर क्षेत्र में सबसे अधिक प्रमुख है, लेकिन अन्य उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है.

केसर की खेती के लिए उपयुक्त मौसम और मिट्टी की आवश्यकता होती है. इसकी खेती में आपको संवेदनशीलता और सावधानी से काम करना चाहिए. यदि हम इसकी खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी की बात करे तो केसर की खेती के लिए दोमट और चिकनी मिट्टी जिसका पी.एच मान लगभग 6.5 से 7.5 के बीच हो, वह उपयुक्त मानी जाती है.

केसर की खेती का समय

ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में केसर की खेती जुलाई से अगस्त महीने तक की जाती है लेकिन मध्य जुलाई तक का समय इसकी खेती के लिए ज्यादा उचित होता है. जबकि मैदानी क्षेत्रों में इसकी खेती का उचित समय फरवरी से मार्च महीने का माना जाता है.

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केसर की खेती करने वाले राज्य

भारत में केसर की खेती सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर, उतराखंड और हिमाचल प्रदेश में की जाती है. इसके अलावा, कुछ भागों में राजस्थान और पंजाब में भी केसर की खेती (Kesar Ki Kheti) होती है. यहां की खेती में खासकर विशेष मौसम और मिट्टी के तत्वों का उपयोग किया जाता है.

केसर की खेती के लिए जलवायु

बता दे केसर की खेती ठंडे प्रदेशों में आसानी से की जा सकती है तथा समुद्र तल मुख्यतः 1500 से 2500 मीटर की ऊंचाई वाली पथरीली भूमि, ठंडी जलवायु और शुष्क होनी चाहिए. इसकी फसल ठंड और बर्फ को आसानी से सहन कर सकती है. पौधों की अच्छी उपज के लिए फसल को कम से कम 8 से 10 घंटे प्रकाश मिलना जरूरी होता है.

केसर की उन्नत किस्में

वर्तमान समय में केसर की मात्र 2 ही किस्में मौजूद है, जिसमे पहली किस्म कश्मीरी और दूसरी अमेरिकी किस्म है. वैसे, भारत में सबसे ज्यादा अमेरिकी केसर के ही उगाया जाता है:

  • कश्मीरी केसर किस्म
  • अमेरिकी केसर किस्म

कश्मीरी केसर की खेती

बता दे कश्मीरी केसर सबसे महंगी किस्म है, जिसकी प्रति किलोग्राम कीमत लगभग 3 से 4 लाख रुपए से भी अधिक है. इसका पौधा लगभग 20 से 25 सेंटीमीटर ऊंचा और इस पौधे से सफेद, नीले व बैंगनी रंग के फूल निकलते है. फूल के अंदर 2 से 3 लाल या नारंगी रंग की पंखुड़ियां निकलती है, यहीं फाइबर केसर होता है. लगभग 75 हजार फूलों से मिली पंखुड़ियो को मिलाकर 450 ग्राम केसर तैयार होता है. कश्मीरी केसर की खेती (Kesar Ki Kheti) व्यापारिक रूप से फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसमें सही देखभाल और प्रबंधन की जरुरत होती है.

अमेरिकन केसर की खेती

भारत में अमेरिकन केसर की खेती एक महत्वपूर्ण और लाभकारी कृषि व्यवसाय है. इसकी खेती के लिए किसी खास तरह के जलवायु की जरूरत नही होती है. इसकी खेती राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों में भी की जा सकती है. इसका पौधा लगभग 4 से 5 फीट ऊंचा होता है. इसके पौधों पर पीले रंग के फूल निकलते है, जिसमे केसर का रेशा पाया जाता है. इसके फूल में अधिक मात्रा में रेशे निकलते है, जिन्हे लाल होने पर तोड़ लिया जाता है.

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केसर की खेती कैसे करें?

भारत में केसर की खेती करके अच्छा लाभ कमाया जा सकते है. अगर आप केसर की खेती (Kesar Ki Kheti) करना चाहते है तो निम्नलिखित कदमों का पालन करे:

  • केसर की खेती के लिए उपयुक्त भूमि का चयन करे, जिसमे अच्छा ड्रेनेज हो.
  • खेत तैयारी के समय आपको उचित मात्रा में गोबर की खाद डालकर खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई करनी है और पाटा लगाकर खेत को समतल कर लेना है.
  • अब आपको मिट्टी की जांच करवा लेनी है. याद रहे कि आपके खेत की मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच हो.
  • इसके बाद, आपको खेत में छोटे- छोटे बेड बना लेनी है.
  • फिर आपको अपने क्षेत्र की जलवायु अनुसार अच्छे किस्म के प्रमाणित बीजों का चयन करके बुवाई कर देनी है.
  • बुवाई से पहले बीज को पानी में लगभग 12 से 15 घंटे के लिए भिगोकर रखे.
  • इसके बाद, बीज को सुखाकर तथा उपचार करके बीज लगाए. ध्यान रहे कि बीजों को 1 से 2 इंच की गहराई तक ही लगाए.
  • बुवाई के तुरंत बाद आपको हल्की सिंचाई कर देनी है.

केसर की वैज्ञानिक खेती

हमारे भारत देश में केसर की वैज्ञानिक खेती आजकल कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. बता दे ड्रिप सिंचाई से केसर की वैज्ञानिक खेती अधिक लाभकारी है. वैज्ञानिक खेती के तरीको का अध्ययन करने से गुणवत्ता और पैदावार में भी सुधार किया जा सकता है. इसके लिए जलवायु, मिट्टी और पोषण की सुविधा का ध्यान रखना अत्यंत जरुरी है. इसकी खेती में वैज्ञानिक तरीको से बुवाई, पौधों की देखभाल, रोग प्रबंधन करना भी काफी आवश्यक है.

केसर की जैविक खेती

बता दे केसर की जैविक खेती में सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार किया जाता है. इसके लिए खेत में खाद और कम्पोस्ट को उचित मात्रा में डाला जाता है. इस विधि में उचित बीज का चुनाव और खरपतवार नियंत्रण किया जाता है. सभी उपयुक्त जैविक उर्वरकों का प्रयोग व्यापक रूप से किया जाता है ताकि केसर का विकास और उपज को सुनिश्चित किया जा सके.

केसर की खेती में सिंचाई

बता दे केसर की खेती में औसतन 10 सेंटीमीटर वर्षा की आवश्यकता होती है. बीज बुवाई के तुरंत बाद ही पहली सिंचाई कर देनी चाहिए. इसके बाद, 15 दिनों के अंतराल में 2 से 3 सिंचाई करे. सिंचाई करते समय ध्यान रखे कि खेत में जलभराव ना हो, विशेष तौर से बारिश के समय यदि हो तो जल निकासी का प्रबंधन करें.

केसर की खेती में खाद

बता दे केसर की बुवाई से पहले आपको उचित मात्रा में सड़ी गोबर की खाद का उपयोग करना है. इसके लिए आप बुवाई के समय प्रति एकड़ 50 किलोग्राम डीएपी और 50 किलोग्राम पोटाश का इस्तेमाल करे. इसके अलावा, फसल लगाने के लगभग एक महीने बाद 20 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से डाल दे.

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केसर की खेती से लाभ

भारत में केसर की खेती से व्यापारिक और आर्थिक दोनों लाभ हो सकता है. निम्नलिखित कुछ तरीके है जिनसे आप केसर की खेती से लाभ कमा सकते है:

  • केसर एक मूल्यवान मसाला होता है और इसका उत्पादन अधिक आय प्रदान करता है.
  • केसर में विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है, जो हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते है.
  • केसर की खेती से कई लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा.

केसर की खेती में लागत व मुनाफा

बता दे केसर एक महंगी मसाला फसल है. बाजार में केसर की कीमत लगभग 3 से 4 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक होती है. बता दे, प्रति एकड़ केसर की औसत उपज लगभग 2 से 2.5 किलोग्राम है. यानी आप केसर की खेती (Kesar Ki Kheti) से लगभग 6 से 7 लाख रुपए/ प्रति एकड़ की कमाई आसानी से कर सकते है. वहीं, यदि हम इसकी खेती में लागत की बात करे तो 80 हजार से 1 लाख रुपए की लागत लगती है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

केसर को उगाने में कितना समय लगता है?

केसर की खेती उगाने में लगभग 3 से 4 माह का समय लगता है.

असली केसर की पहचान क्या है?

असली केसर कभी भी पानी में पूरी तरह से नही घुलता है और पीला रंग छोड़ने के बाद पानी में केवल रेशा बच जाता है. जबकि नकली केसर लाल केसरिया छोड़ता है और देखते ही देखते यह पानी में घुल जाता है.

भारत में सबसे अच्छा केसर कौनसा है?

हमारे देश में सबसे अच्छा केसर कश्मीरी केसर है, जिसे कश्मीरी घाटी में उगाया जाता है. यह अपनी विशिष्ट सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है.

भारत में केसर का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन है?

भारत में केसर का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य जम्मू-कश्मीर है, यहां की जलवायु केसर की खेती के उपयुक्त है.

केसर कौन सी मंडी में बिकता है?

केसर दिल्ली की खारी और जामा मस्जिद की बड़ी मंडी में बिकता है. बता दे, सबसे ज्यादा केसर ईरान, चीन और अफगानिस्तान से आयत होती है.

2 thoughts on “Kesar Ki Kheti: केसर की खेती कैसे करे? 4 महीने में कमाए तगड़ा मुनाफा”

  1. हिमाचल पालमपुर में केसर के कंद कब बीजने चाहिए?
    कंद कब निकालने हैं और इन्हें अगली खेती के लिए कैसे संभाल कर रखना है?

    Reply
    • गोपाल जी,
      जुलाई से अगस्त महीने तक आप बीज लगा सकते है.
      कंद के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करे.

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