Tamatar Ki Kheti: टमाटर की खेती कैसे करे? 3 महीने बाद में होगा मुनाफा

Tamatar Ki Kheti | भारतवर्ष में टमाटर की खेती अधिक मुनाफे वाली खेती के रूप में की जाती है क्योकि यह कम खर्च में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है. बता दे कि टमाटर एक ऐसी सब्जी है जोकि आलू और प्याज के बाद सबसे अधिक इस्तेमाल में ली जाती है. वैसे, टमाटर का इस्तेमाल हर तरह की सब्जियों में किया जाता है. भारतीय बाजारों में अब टमाटर की डिमांड भी काफी ज्यादा बढ़ गई है. इसका प्रभाव टमाटर के भाव पर भी देखने को मिला है. ऐसे में यदि कोई किसान टमाटर की खेती करता है तो वह अच्छा खासा मुनाफा कमा सकता है.

Tamatar Ki Kheti
Tamatar Ki Kheti

अगर आप भी टमाटर की खेती करना चाहते है तो इस लेख को पूरा पढ़े क्योंकि इस लेख में हम आपको इसकी खेती से जुडी पूरी जानकारी देने वाले है. इस लेख में हम टमाटर की खेती? टमाटर की खेती वाले राज्य? टमाटर की खेती के लिए जलवायु? हाइब्रिड टमाटर की खेती? टमाटर की उन्नत किस्में? टमाटर की आधुनिक खेती? टमाटर की खेती कैसे करे? टमाटर की खेती में लगने वाले रोग? टमाटर की खेती में लागत और मुनाफा? Tamatar Ki Kheti आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे.

टमाटर की खेती की जानकारी

भारत में टमाटर की खेती एक व्यापक रूप से की जाती है. टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त भूमि, खाद और जलवायु की आवश्यकता होती है. इसमें पौधों की सही देखभाल, सीधे और सूखे खाद का प्रयोग और समय पर पेड़ों के प्रूफिंग की अहम भूमिका होती है. साथ ही, बीमारियों और कीट प्रबंधन के लिए उपयुक्त कीटनाशकों का उपयोग करना भी जरुरी होता है.

टमाटर की खेती करने के लिए जल निकासी वाली उपयुक्त दोमट मिट्टी का होना जरूरी है. दोमट मिट्टी के अलावा सभी तरह की मिट्टियों में इसकी खेती को आसानी से किया जा सकता है. बस मिट्टी में उचित मात्रा में पोषण तत्व जरूर होने चाहिए तथा मिट्टी का पी.एच मान भी 6 से 7 बीच होना चाहिए.

टमाटर की खेती का समय

भारत देश में टमाटर की खेती साल में 3 बार शीत, गर्मी और बरसात के मौसम में की जा सकती है लेकिन टमाटर की खेती का अनुकूल समय सर्दी का है और देश में इसी ऋतु में सर्वाधिक क्षेत्र में टमाटर की खेती होती है. टमाटर की खेती औसतन 55 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है.

गर्मी के मौसम में खेती की बात करे तो दिसंबर से जनवरी में इसकी बुवाई कर सकते है और लगभग 2 महीने बाद टमाटर लग जाते है. वहीं, बरसात में टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के लिए जुलाई से अगस्त महीने में इसकी बुवाई कर सकते है तथा अक्टूबर महीने में इसके फल तैयार हो जाते है.

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टमाटर की खेती करने वाले राज्य

बता दे टमाटर की खेती भारत में बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल राज्यों में सबसे अधिक की जाती है. इन राज्यों में किसान कम समय में टमाटर का ज्यादा उत्पादन निकालकर प्रति एकड़ ज्यादा मुनाफा कमा सकते है.

टमाटर की खेती के लिए जलवायु

बता दे टमाटर मुख्य रूप से शरद ऋतु की फसल है परंतु अधिक सर्दी एंव पाला से फसल खराब हो सकती है. अधिक सर्दी से टमाटर का रंग और आकार दोनों प्रभावित होते है. टमाटर की खेती के लिए लगभग 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इस तापमान पर फसल की अच्छी बढ़ोतरी होती है.

टमाटर की उन्नत किस्में

आजकल बाजारों में टमाटरों की कई किस्में देखने को मिल जाती है. टमाटर की यह किस्में अलग- अलग वातावरण और जलवायु के हिसाब से तैयार की गई है. भारतीय बाजारों में कुछ ऐसी भी हाइब्रिड किस्म मौजूद है जिन्हें लगाकर किसान अधिक पैदावार ले सकते है. टमाटर की ऐसी ही कुछ किस्में है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है:

  • टमाटर की देशी किस्में: पूसा 120, पूसा शीतल, पूसा रूबी, पूसा गौरव, अर्का विकास, अर्का सौरभ, सिनाली
  • टमाटर की हाइब्रिड किस्में: पूसा हाइब्रिड 1, पूसा हाइब्रिड 2, पूसा हाइब्रिड 4, रश्मि, अविनाश 2

टमाटर की आधुनिक खेती

बता दे टमाटर की आधुनिक खेती एक महत्वपूर्ण कृषि विधि है जिसमे उन्नत तकनीकों और सूचना का प्रयोग करके किया जाता है. इसमें उच्च उत्पादकता और गुणवत्ता की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रक्रिया शामिल है. पहले, बीज का चयन और पूर्व-प्रक्रिया जैसे काम किए जाते है. फिर, अच्छी खेती प्रथाओं का पालन किया जाता है, जैसे कि समय पर पानी और उर्वरक की व्यवस्था करना.

बेल वाले टमाटर की खेती

भारत में बेल वाले टमाटर की खेती एक प्रमुख खेती तकनीक है जो किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है. इस तकनीक में टमाटर के पौधों को बेल की तरह ऊपर उठाया जाता है जिससे वे ऊंची ऊंचाई पर बढ़ जाते है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे खेत में अधिक स्थान बचता है और कीट प्रबंधन को भी सुविधा प्रदान करता है.

बरसाती टमाटर की खेती

बता दे बरसाती टमाटर की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि व्यवसाय है जिसमे टमाटर के पौधों को मानसूनी वर्षा के समय खेत में उगाया जाता है. यह विशेष रूप से भारत में प्रसिद्ध है क्योंकि यह फसल बरसात के मौसम में अच्छी तरह से बढ़ती है. बरसाती टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के लिए उचित भूमि चयन, अच्छा बीज, पौधों की देखभाल और समय पर पोषण मिलना जरुरी होता है. इसके लिए सही जलवायु, खाघ सामग्री और पेस्टिसाइड का सही तरीके से उपयोग करना भी महत्वपूर्ण है.

गर्मी में टमाटर की खेती

बता दे गर्मी में टमाटर की खेती भी संभव है, लेकिन इस दौरान अधिक ध्यान, प्रबंधन और पोषण की आवश्यकता होती है. गर्मियों में टमाटर की खेती के लिए उचित जलवायु चयन, समय पर पानी देना महत्वपूर्ण है. गर्मी के समय पौधों की प्राथमिक देखभाल और आवश्यक उपायों का पालन करें. वहीं, सामान्य जगहों पर गर्मियों में टमाटर की फसल को प्राप्त करने के लिए आमतौर पर पौधे की रोपाई मार्च और अप्रैल माह में की जाती है जबकी नर्सरी फरवरी माह में ही लगा दी जाती है.

काले टमाटर की खेती

भारत में काले टमाटर की खेती भी लाल टमाटर की खेती की तरह ही की जाती है. इस किस्म के टमाटर की खेती के लिए आपके क्षेत्र की जलवायु गर्म होनी चाहिए. भारत देश की जलवायु काले टमाटर की खेती के लिए एकदम उपयुक्त है. काले टमाटर की खेती करने के लिए सही तापमान 10 से 30 डिग्री सेल्सियस का होना चाहिए. काले टमाटर की खेती को पूरी तरह से तैयार होने में कम से कम 2 से 3 माह का समय लगता है यानी बुआई के 60 से 90 दिनों के बीच टमाटर पूरी तरह से पक जाएंगे.

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टमाटर की खेती कैसे करें?

अगर आपके क्षेत्र की जलवायु टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के लिए उपयुक्त है तो आप बड़ी आसानी से इसकी खेती कर सकते हो. ज्यादा उत्पादन के लिए सही विधि से टमाटर की खेती करना बहुत जरुरी है. इसके लिए यह चरण फॉलो करे:

  • टमाटर की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले खेत की मिट्टी की अच्छे से जुताई कर लेनी है. फिर खेत को समतल कर लेना है ताकि आपको जल निकासी की समस्या न आए.
  • इसके बाद, मिट्टी की जांच अवश्य करवा ले. याद रहे कि आपके खेत की मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए.
  • खेत में ऑर्गेनिक खाद आवश्यकता अनुसार डाल सकते है. इसके अलावा, आप सड़ी गोबर या कंपोस्ट खाद भी डाल सकते है.
  • इसके बाद, आपको अच्छे किस्म के टमाटर के बीज का चयन कर लेना है. वैसे, आपको प्रमाणित बीजों का ही चयन करना चाहिए.
  • अब आपको एक बार खेत की मिट्टी में नमी की मात्रा को चेक कर लेना है. यदि आपके खेत की मिट्टी में नमी नही है तो आपको बीजों की बुआई से पहले एक बार हलकी सिंचाई कर देनी है उसके बाद ही बुआई शुरू करे.
  • ध्यान रहे कि बीज को खाद के साथ मिलाकर ही बोया जाना चाहिए.
  • आप नर्सरी से पौधे खरीदकर सीधे पौधे की रोपाई भी कर सकते है.
  • बुवाई के तुरंत बाद आपको हल्की सिंचाई कर देनी है.
  • अब आपको समय पर इसे खाद, पानी देना है. साथ ही, इसे खरपतवार से बचाने पर भी ध्यान दे.

टमाटर की जैविक खेती

भारत में टमाटर की जैविक खेती समय की आवश्यकता है जिससे मानव और वातावरण पर कोई दुष्प्रभाव नही पड़ता और फसल उत्पादन लागत भी कम होती है. टमाटर की जैविक खेती से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए उचित खेती तकनीक अपनानी बहुत जरुरी है. टमाटर की जैविक खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में विकास कर सकती है मगर इसकी फसल से अच्छे विकास और उत्पादन के लिए उपजाऊ रेतीली दोमट मिट्टी व भुरभुरी दोमट मिट्टी मिट्टी उपयुक्त है.

टमाटर की खेती में सिंचाई

बता दे टमाटर की खेती में सिंचाई का संतुलन सही होना चाहिए जिससे पौधों को किसी भी प्रकार का नुकसान या समस्या न हो. ध्यान रहे किसानों को गर्मी की फसल में 6 से 8 दिनों के अंतराल पर और शीत ऋतु में 10 से 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई कर देनी है.

टमाटर की खेती में खाद

खाद एंव उर्वरक का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर किया जाना चाहिए. किसी कारण से अगर मिट्टी का जांच संभव न हो तो उस स्थिति में प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन 100 किलोग्राम, सल्फर 80 किलोग्राम तथा पोटाश 60 किलोग्राम की दर से डालना चाहिए. टमाटर की वृद्धि के लिए गोबर की खाद के अलावा रासायनिक उर्वरक भी आवश्यक है.

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टमाटर की खेती के लाभ

बता दे टमाटर की खेती के कई लाभ हो सकते है, जिसकी विस्तार सहित जानकारी नीचे दी गई है:

  • टमाटर की खेती से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते है क्योंकि बाजार में टमाटर की डिमांड ज्यादा है और इससे आपकी आमदानी बढ़ सकती है.
  • टमाटर की खेती से गांवो में रोजगार का स्त्रोत बन सकता है और यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुधार सकता है.
  • टमाटर में औषधीय गुण है. इसमें विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाती है.

टमाटर की खेती में लगने वाले रोग

टमाटर की फसल में कई तरह के कीट वाले रोग लग सकते है जो खासकर पौधे के कोमल भागो को हानि पहुंचाता है. यहां पर कुछ कीट वाले रोगों के बारे में जानकारी दी गई है:

  • हरा तेला कीट रोग
  • तम्बाकू की इल्ली वाले कीट रोग
  • फल छेदक
  • सफेद मक्खी

टमाटर की खेती में लागत व मुनाफा

टमाटर की उन्नत किस्मों के आधार पर किसान भाई प्रति हेक्टेयर लगभग 500 से 600 क्विंटल की पैदावार प्राप्त कर सकते है. इसके अलावा, टमाटर की रोपाई से लेकर कटाई तक लगभग 60 हजार रुपए खर्च हो जाते है. आमतौर पर टमाटर का बाजारी भाव 1000 से 2000 रुपए/ प्रति क्विंटल के आसपास होता है जिससे किसान भाई टमाटर की एक बार की फसल से 4 से 5 लाख की कमाई आसानी से कर सकते है. अगर इसमें से खर्चा भी हटा दिया जाए तो किसान भाई Tamatar Ki Kheti करके एक बार की फसल से 3 लाख रूपए/ प्रति हेक्टेयर बड़ी आसानी से कमा सकता है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

हाइब्रिड टमाटर क्या है?

हाइब्रिड टमाटर सुर्ख लाल और टाइट होते है. वैसे, हाइब्रिड टमाटर का स्वाद बिल्कुल फीका होता है परंतु यह ज्यादा दिनों तक चल जाते है.

सबसे महंगा टमाटर कौन सा है? 

समर सन टमाटर सबसे महंगा टमाटर है, जिसका स्वाद बहुत ही अलग होता है.

टमाटर के पौधों को कितनी बार खाद देनी चाहिए?

टमाटर के पौधों को आमतौर पर पौधों की रोपाई से लेकर फल तुड़ाई तक 2 से 3 माह की संपूर्ण अवधि के दौरान किसान 3 से 4 बार खाद डाल सकते है.

टमाटर का फूल क्यों गिरता है?

आपके क्षेत्र का तापमान कम या ज्यादा होने के कारण टमाटर के पौधे से फूल गिरने लगते है.

टमाटर की ग्रोथ के लिए क्या करना चाहिए?

टमाटर की खेती में देखरेख की जरूरत ज्यादा होती है तथा ग्रोथ के लिए अच्छी तरह से जल निकासी वाली, थोड़ी अम्लीय मिट्टी में टमाटर के पौधे तेजी से ग्रो करते है.

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