Lahsun Ki Kheti: लहसुन की खेती कैसे करे? कम लागत में करे शानदार कमाई

Lahsun Ki Kheti | लहसुन एक कंद वाली मसाला फसल है. लहसुन का वैज्ञानिक नाम “एलियम सैटिवुम एल” है. इसमें एलियम नामक तत्व उपस्थित होता है जिस वजह से इसमें एक खास तरह की गंध व स्वाद में तीखापन होता है. बता दे लहसुन की एक गांठ में कई कंद होते है, जिन्हे अलग कर और छीलकर औषधीय तथा मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. लहसुन की मांग भारतीय बाजारों और मंडियों में सालभर बनी रहती है. अगर आप इस बार खेती से अच्छा मुनाफा चाहते है तो फिर आपको लहसुन की खेती करनी चाहिए.

Lahsun Ki Kheti
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लहसुन की खेती भी मुनाफे वाली खेती में से एक है. यदि आप इसकी खेती करना चाहते है तो यह लेख आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको लहसुन की खेती से जुडी विस्तापूर्वक जानकारी देंगे. जैसे कि- लहसुन की खेती कैसे करें? लहसुन की खेती का समय? लहसुन की खेती के लिए उत्तम जलवायु? लहसुन की खेती वाले राज्य? लहसुन की खेती में खाद? लहसुन की खेती में सिंचाई? लहसुन की जैविक खेती कैसे करे? लहसुन की खेती में लागत व कमाई? Lahsun Ki Kheti आदि की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी.

लहसुन खेती की जानकारी

भारत में लहसुन की खेती व्यापारिक रूप से की जाती है. लहसुन एक पौष्टिक और स्वादिष्ट मसाला फसल है, जिसका उपयोग विभिन्न खानों में होता है. इसकी खेती के लिए अच्छी किस्म की मिट्टी और जलवायु की आवश्यकता होती है. इसके पौधों को अक्टूबर से नवंबर माह तक लगाया जा सकता है. इसकी खेती के दौरान फसल की सुरक्षा के लिए पेस्टिसाइड्स और कीट प्रबंधन की काफी जरूरत होती है. इसके बाद, पूर्ण विकास होने के बाद लहसुन को काट लिया जाता है और सुखाया जाता है. फिर इसे बाजार में बेचा जाता है.

लहसुन की खेती के लिए उपजाऊ दोमट मिट्टी काफी अच्छी मानी जाती है. ध्यान रहे इसकी खेती के लिए मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. काली और बलुई मिट्टी में भी इसकी खेती की जा सकती है. यदि मिट्टी में पोटाश की मात्रा अधिक हो तो इसकी पैदावार में कई गुना की बढ़ोतरी हो जाती है.

लहसुन की खेती का समय

भारत देश में लहसुन की खेती (Lahsun Ki Kheti) के लिए उत्तम समय की बात करे तो, सितंबर से अक्टूबर महीने के बीच इसकी खेती कर सकते है. अगर खेत जल्दी खाली हो जाता है, तो अक्टूबर के शुरुआत में ही और यदि पछेती फसल हो तो अक्टूबर के लास्ट में भी इसकी बुवाई कर सकते है. वैसे, सितंबर से अक्टूबर के मध्य का समय बहुत ही उत्तम माना जाता है.

वर्तमान समय में लहसुन की बुवाई 2 तरीको से की जाती है एक तो मजदूरों द्वारा हाथों से लहसुन की कलियों को लगाना और दूसरा मशीनों के द्वारा लहसुन की कलियों को लगाना. बुवाई करते समय ध्यान रहे है कि पौधे से पौधे की दूरी 3 से 4 इंच तथा लाइन से लाइन की दूरी 4 से 5 इंच दूरी होनी चाहिए. इतनी दूरी का अंतराल बहुत ही अच्छा होता है, इससे उत्पादन अधिक होता है तथा खेत में जगह भी खाली नही रहती है.

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लहसुन की खेती वाले राज्य

भारत में लहसुन की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उतराखंड, हरियाणा और पंजाब राज्य में खूब की जाती है. जानकारी के लिए बता दे कि विश्व में लहसुन उत्पादन में भारत, चीन के बाद दूसरा स्थान पर आता है.

लहसुन की खेती के लिए जलवायु

बता दे लहसुन की खेती के लिए सामान्य तापमान की जरुरत होती है. अधिक सर्दी और अधिक गर्मी दोनों इसकी फसल के लिए हानिकारक है. लहसुन के कंदो को तैयार होने के लिए छोटे दिनों वाले तापमान की आवश्यकता होती है. वहीं, लहसुन का गांठ तैयार होने के लिए औसतन 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान अच्छा माना जाता है.

लहसुन की उन्नत किस्में

वर्तमान समय में लहसुन की कई उन्नत किस्में बाजार में देखने को मिल जाती है, जिन्हे लगाकर किसान अधिक पैदावार प्राप्त करते है. कुछ प्रमुख लहसुन की उन्नत किस्में इस प्रकार है:

  • ऊटी लहसुन
  • देसी लहसुन
  • G-2 लहसुन
  • गोदावरी
  • भीमा ओमेरी
  • पंजाब लहसुन
  • एग्रोफाउंड पार्ववती
  • एग्रोफाउंड सफेद
  • लहसुन 56-4
  • यमुना सफेद 5

बरसात में लहसुन की खेती

भारत देश में बरसाती लहसुन की खेती (Lahsun Ki Kheti) करने के लिए खेत को उत्तम तरीके से तैयार करना जरुरी है. खेत तैयार करते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखे कि खेत समतल या एकल ढ़लान वाला होना चाहिए, ताकि पानी का जमाव न हो. एक बार खेत तैयार होने के बाद इसमें मध्यम ऊंचाई की क्यारियां बनाए क्योंकि लहसुन के पौधे इन्ही क्यारियों पर रोपित किए जाते है. क्यारी बनाते समय आप इस बात का अवश्य ध्यान रखे कि क्यारिया एकदम सीधी लाइन में होनी चाहिए.

काला लहसुन की खेती

बता दे काला लहसुन, सफेद लहसुन का ही नया रूप है. इसकी गंध सफेद लहसुन की तरह तेज नही होती, लेकिन ये पोषण तत्वों से भरपूर होता है. उच्च गुणवत्ता वाला काला लहसुन पैदा करने के लिए मानसूनी और उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है. काला लहसुन की खेती में आपको शुरू में ज्यादा मेहनत जरूर करनी पड़ेगी. उसके बाद, आप इससे काफी लाभ प्राप्त कर सकते है क्योंकि बाजार में काला लहसुन की मांग काफी ज्यादा है.

लाल लहसुन की खेती

भारत में लाल लहसुन की खेती व्यापक रूप से की जाती है. लाल लहसुन, जिसे “राजस्थानी लहसुन” भी कहा जाता है, उसकी खेती अधिकतर उत्तर भारत के राज्यों में ही होती है, खासकर राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में इसकी खेती होती है. इसकी खेती के दौरान उचित जलवायु, भूमि और पोषण के लिए सुरक्षित प्रबंधन का महत्वपूर्ण ध्यान रखना जरूरी होता है.

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लहसुन की खेती कैसे करें?

भारत में लहसुन की खेती करके आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हो. अगर आप निचे दिए गए तरीके से लहसुन की खेती (Lahsun Ki Kheti) करते है तो आपको अच्छी पैदावार मिलेगी. सही विधि से खेती के लिए इन चरणों का पालन करे:

  • लहसुन की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना है.
  • इसके लिए आपको खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर लेनी है. जुताई से मिट्टी का पलटाव अच्छे से हो जाएगा और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी बरक़रार रहेगी.
  • अब पाटा की मदद से खेत को समतल कर लेना है ताकि जलभराव की समस्या न हो.
  • इसके बाद आपको खेत में उचित मात्रा में गोबर खाद या कंपोस्ट खाद डाल देना है.
  • अब एक बार पुनः जुताई करे. इससे खाद व मिट्टी अच्छे से मिल जाएंगे और भूमि को पोषण मिलेगा.
  • इसके बाद, लहसुन की बुवाई कर देनी है.
  • लहसुन की बुवाई करते समय आपको यह जरूर ध्यान रखना है कि बुवाई वाले कंद बिलकुल स्वस्थ एंव बड़े आकार के हो.
  • कलियों की बुवाई के समय कलियों के हल्के हिस्से को ऊपर की ओर रखते हुए 5 से 7 सेंटीमीटर की गहराई में गाड़कर मिट्टी से ढक दे.
  • कलियों को बोते समय दो कलियों के बीच में 8 सेंटीमीटर की दूरी व दो कतारों के बीच में 15 सेंटीमीटर की दूरी अवश्य रखे.
  • बुवाई के तुरंत बाद एक हल्की सिंचाई करे और समय- समय पर खेत की खरपतवार करे.

लहसुन की जैविक खेती

अगर आप लहसुन की जैविक खेती करना चाहते है तो इसके लिए आपको बुवाई से पहले खेत की 2 से 3 जुताई करके 10 से 15 दिनों के लिए खुला छोड़ दे. इसके बाद पलेवा करके 2 से 3 दिन बाद खेत में पशुओं के मल-मूत्र से तैयार गोबर की जैविक खाद और फसल अवशेष, केंचुआ द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट खाद डालकर रोटावेटर की मदद से मिट्टी में मिलाकर भुरभूरी बना ले.

बता दे जैविक खेती में भूमि का प्राकृतिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए जैविक खादो का उपयोग किया जाता है. यह खाद खेती में मौसम और भूमि की आवश्यकताओं के हिसाब से तैयार की जाती है और पौधों को सही पोषण प्रदान करती है.

लहसुन की खेती में सिंचाई

सिंचाई की बात करे, तो इसकी खेती में स्प्रिंकल फवारा विधि से ही आवश्यकता अनुसार सिंचाई करनी चाहिए. मिट्टी के हिसाब से औसतन 10 से 12 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए जिससे कि खेती में 3 से 4 घंटे ही पानी भरा रहे. ध्यान रहे जब लहसुन के पौधे की पत्तियां सूखने लगे तो फिर सिंचाई बंद कर देनी चाहिए.

लहसुन की खेती में खाद

बता दे लहसुन की अच्छी पैदावार लेने के लिए खेती में पुरानी गोबर की खाद या फिर कंपोस्ट को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 200 से 300 क्विंटल की मात्रा को डालना होता है. इसके अलावा, नाइट्रोजन की 80 से 100 किलोग्राम, फास्फोरस की 50 से 60 किलोग्राम, पोटाश की 70 से 80 किलोग्राम और जिंक सल्फेट की 20 से 25 किलोग्राम की मात्रा को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में डालना चाहिए.

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लहसुन की खेती के लाभ

बता दे लहसुन की खेती कई तरह के लाभ प्रदान कर सकती है, जिसकी जानकारी नीचे दी गई है:

  • लहसुन की खेती से आर्थिक लाभ होता है क्योंकि यह एक लाभकारी फसल है और बाजार में अच्छे मूल्य पर बेचा जा सकता है.
  • लहसुन का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. इसमें Vitamin c, एलिसिन और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते है.
  • लहसुन की खेती कृषि संवर्धन को बढ़ावा देती है और किसानों को अधिक आय के अवसर भी प्रदान करती है.

लहसुन की खेती में लगने वाले रोग

बता दे लहसुन की फसल को रोग एव कीटो से बचाने के लिए सुरक्षा का ध्यान भी रखना होता है. अतः प्रमुख रोग एंव कीटो से फसल सुरक्षा की जानकारी होना आवश्यक है. कुछ प्रमुख रोगों की जानकारी निचे दी गई है:

  • थ्रिप्स कीट
  • झुलसा व अगमारी
  • ब्लैक धब्बा रोग
  • बैगनी धब्बा रोग

लहसुन की खेती में लागत व मुनाफा

अच्छी तरह देखभाल एंव पोषण होने पर लहसुन की खेती (Lahsun Ki Kheti) से उपज लगभग 130 से 140 क्विंटल/ प्रति एकड़ तक पहुँच जाती है. यदि इसकी खेती की लागत की बात करे तो, लहसुन की बुवाई से लेकर कटाई तक लगभग 50 हजार रुपए खर्च हो जाते है. वहीं, लहसुन का बाजारी भाव 4000 से 5000 रुपए/ प्रति क्विंटल के आसपास रहता है. इसके हिसाब से किसान भाई लहसुन की एक बार की फसल से 5 से 7 लाख की कमाई आसानी से कर सकते है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

लहसुन कितने दिन में अंकुरित होता है?

लहसुन को पूरी तरह से अंकुरित होने में लगभग 5 से 7 दिनों का समय लगता है.

सबसे महंगा लहसुन कौन सा है?

भारत देश में सबसे महंगा लहसुन “क्रियोल लहसुन” है. यह सभी किस्मों में सबसे महंगा और दुर्बल माना जाता है.

लहसुन में खरपतवार नियंत्रण हेतु कौन सी दवाई डालें?

लहसुन के खेत में खरपतवार नियंत्रण हेतु पेड़ामेंथिलिन 30 ई.सी. 1.3 लीटर बुवाई के बाद 3 दिनों के अंदर अंकुरण पूर्व 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए.

1 एकड़ में लहसुन का कितना बीज लगेगा?

यदि आप एक एकड़ के खेत में लहसुन की खेती करते है तो इसके लिए आपको लगभग 1 से 2 क्विंटल लहसुन कंद की आवश्कता पडेगी.

लहसुन की ग्रोथ बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?

लहसुन की ग्रोथ जल्दी करने के लिए आपको अपने खेत में उचित मात्रा में पकी गोबर की खाद या फिर वर्मी कंपोस्ट खाद डाल देना है.

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