Makhana Ki Kheti: मखाना की खेती कैसे करे, इस तरह होगी 3 लाख की मोटी कमाई

Makhana Ki Kheti | मखाना निम्पिफयेसी परिवार से संबंधित एक उच्च मांग वाली जलीय फसल है. यह मुख्य रूप से पानी की घास में होती है. इसकी खेती विश्व के विभिन्न हिस्सों में की जाती है, परंतु भारत वैश्विक उपज का लगभग 75 से 80 फीसदी उत्पादन करता है. बता दें, मखाना की खेती के लिए जलभराव वाली भूमि की आवश्यकता होती है. मखाना की खेती करना बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि इसकी खेती कम समय में ही तैयार हो जाती है और थोड़ी लागत में अच्छा मुनाफा हो जाता है.

Makhana Ki Kheti
Makhana Ki Kheti

अगर आप एक प्रगतिशील किसान है तो फिर आपको इस बार मखाना की खेती करना चाहिए. इस लेख में हम आपको मखाना की खेती का समय? मखाना की खेती के लिए जलवायु? मखाना की खेती कैसे करें? मखाना की वैज्ञानिक खेती? मखाना की खेती में खाद? मखाना की खेती से लाभ? मखाना की खेती में लगने वाले रोग? मखाना की खेती में लागत व मुनाफा, Makhana Ki Kheti आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी देने वाले है.

मखाना की खेती से जुड़ी जानकारी

भारत में मखाना की खेती एक महत्वपूर्ण और लाभदायक कृषि व्यवसाय है जो “फॉक्सटेलिया कोटा” नामक पौधे से प्राप्त किया जा सकता है. इसके बीज खाद्यान और चिकित्सा उपयोग के लिए भी प्रयोग होते है. इसकी खेती आपके क्षेत्र की जलवायु, तापमान और भूमि के अनुसार की जाती है. इसकी खेती के लिए आपको नियमित पानी, खाद और प्राकृतिक रोगनाशकों का उपयोग करना चाहिए.

मखाना की खेती के लिए चिकनी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. जलाशय, तालाब और चिकनी जमीन जहां जल जमाव 5 से 7 फिट तक हो, वहां इसकी खेती अच्छी तरह होती है. इसके अलावा, अन्य फसलों की तरह खेत में भी इसे उगाया जा सकता है. बता दें, मखाना की खेती करने के कई तकनीकें है.

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मखाना की खेती का समय

बता दें, मखाना के बीजों की रोपाई सीधे तालाब में लगाकर भी की जा सकती है और तैयार किए गए पौधे के रूप में भी इसकी खेती कर सकते है. पौध रोपाई के लिए पौधों को नवंबर और दिसंबर के माह में तैयार कर लिया जाता है तथा इसके बाद उन्हें जनवरी या फरवरी माह में लगाया जाता है. यह समय इसकी खेती करने का सबसे उपयुक्त माना जाता है.

मखाना की खेती करने वाले राज्य

विश्वभर में मखाना की खेती सबसे ज्यादा भारत में ही होती है. इसकी खेती भारत में सर्वाधिक बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा, असम, राजस्थान, जम्मू- कश्मीर, पूर्वी उडीसा, उतराखंड, झारखंड और मध्य प्रदेश में की जाती है.

मखाना की खेती के लिए जलवायु

मखाना की खेती उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है तथा इसके पौधे को अच्छे से विकास करने के लिए सामान्य तापमान यानी लगभग 30 से 35 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है. यह जलवायु मखाना की खेती (Makhana Ki Kheti) के लिए सबसे उचित मानी जाती है. बता दें, न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान इसकी खेती के लिए सही नही है.

मखाना की उन्नत किस्में

बता दें, मखाना की खेती में भी कई किस्में पाई जाती है. जगह के हिसाब से सही किस्म का चुनाव करना बहुत जरुरी होता है. यहां नीचे आपको मखाना की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी गई है, जोकि इस प्रकार है:

  • स्वर्णर्नव मखाना
  • फुलेश्वरी मखाना
  • द्विजय मखाना
  • मोती स्वर्णर्नव मखाना

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मखाना की खेती कैसे करे?

यदि आप मखाना की खेती से अच्छा उत्पादन चाहते है तो फिर आपको इसकी खेती सही विधि से करनी चाहिए. सही विधि से मखाना की खेती (Makhana Ki Kheti) करने के लिए नीचे दी गई बातो को अवश्य ध्यान में रखे:

  • मखाना फसल को खेत में लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई कर लेनी चाहिए. इससे पुरानी फसल के अवशेष निकल जाते है.
  • इसके बाद, आपको खाली खेत मे पानी छोड़ देना है. उसके बाद, इसे कुछ दिनों के लिए ऐसे ही खुला छोड़ दे.
  • उर्वरकों का प्रयोग हमेशा मिट्टी जांच के आधार पर ही करना चाहिए.
  • इसके बाद, खेत की फिर से जुताई कर मेड बंदी बना दे, ताकि खेत में बारिश का पानी अधिक समय तक जमा रहे.
  • इसकी खेती के लिए आपके खेत में लगभग 5 से 7 फिट तक गहरा पानी होना चाहिए तथा आप इसकी खेती तालाब में भी कर सकते है.
  • इसकी खेती में बीजों की रोपाई तालाब की निचली सतह पर की जाती है तथा तालाब में बीजों को 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई में निचली सतह मिट्टी में लगाना चाहिए.
  • इसकी खेती में आपको लगभग 80 किलोग्राम/ प्रति हेक्टेयर बीजों की आवश्यकता होगी.
  • बुवाई के बाद भी आपको इसके पौधे की विशेष देखरेख करनी होगी.

मखाना की वैज्ञानिक खेती

हमारे देश में मखाना की वैज्ञानिक खेती एक महत्वपूर्ण गतिविधि है जो खेतीकारों को अच्छे लाभ दिलाने में मदद कर सकती है. इसकी वैज्ञानिक खेती में कुछ मुख्य तथ्य होते है जैसे कि भूमि, उचित दिन का तापमान और पोषण मूल्य इत्यादि. इसकी खेती में सही जल संचालन और पौधों के संरक्षण के लिए भी विशेष ध्यान देना चाहिए. मखाना के पौधों को मजबूती देने के लिए आवश्यकतानुसार खाद देना भी जरुरी होता है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए मखाना की वैज्ञानिक खेती की जाती है.

मखाना की खेती में खाद

बता दें, मखाना के पौधे बड़े एव भारी पत्तो वाला जलीय पौध होने के कारण इसमें ज्यादा पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. इसकी फसल में औसत नाइट्रोजन, स्पफूर एवं पोटाश क्रमशः 100:60:40 किलोग्राम/ प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है. वहीं, पोषण तत्वों की उपयुक्त मात्रा को पूरा करने के लिए कार्बनिक तथा अकार्बनिक दोनो तरह के उर्वरकों की आवश्यकता पड़ती है.

मखाना की खेती से लाभ

हमारे देश में मखाना की खेती के कई फायदे होते है जो कृषि के क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. इनमे से मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी नीचे दी गई है:

  • मखाना की खेती खाघ सुरक्षा को बढ़ावा देती है.
  • मखाना की खेती कृषि व्यवसाय को सुधारने में भी मदद करती है.
  • मखाना में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है तथा कैलोरी बहुत ही कम पाई जाता है जोकि हमारे शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है.
  • मखाना में कई तरह के पोषण तत्व मौजूद होते है जिस वजह से मखाना का सेवन करने से हमारे शरीर को कई लाभ प्राप्त होते है.

मखाना की खेती में रोग

बता दें, मखाना पर भी पर्यावरण और रोगों का काफी प्रकोप होता है. रोगों की पहचान और तुरंत रोकथाम की अत्यंत आवश्यकता होती है. नीचे हमने कुछ रोगों की जानकारी दी है:

  • एफिड रोग
  • झुलसा रोग
  • फल सड़न रोग
  • अति अंगवृद्धि

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मखाना की खेती में लागत व मुनाफा

बता दें, मखाना के पौधों में निकलने वाले पत्ते कांटेदार होते है और वह पूरे तालाब को ढ़के हुए रखते है. यदि आप मखाना की खेती एक हेक्टेयर में करते है तो आपको लगभग 50 क्विंटल की उपज आसानी से मिल जाएगी. इसके चलते यदि लागत की बात करे तो इस फसल में लगभग 40 से 50 हजार रुपए/ प्रति हेक्टेयर की लागत आती है.

वहीं, मुनाफा की बात करे तो भारतीय बाजार या मंडी में मखाना का भाव लगभग 3500 से 6500 रुपए/ प्रति क्विंटल के आसपास रहता है. इसके अनुसार, किसान भाई मखाना की खेती (Makhana Ki Kheti) करके आराम से 2 से 3 लाख रूपए कमा सकते है.

परवल की खेती में लागत व मुनाफा

मखाना किस पौधे से बनता है?

मखाना एक प्रकार का बीज है जो “यूरिक फेरोक्स” नामक पौधे से प्राप्त होता है.

10 ग्राम मखाना में कितना प्रोटीन होता है?

बता दें, 10 ग्राम मखाना में लगभग 9.5 ग्राम प्रोटीन होता है. ऊर्जा की मात्रा की बात करे तो यह लगभग 350 कैलोरी के आस-पास होता है.

भारत में मखाना कितने प्रकार के होते है?

हमारे भारत देश में मखाना कई प्रकार के होते है जैसे कि- सूखे मखाना, भुने मखाना, ताजा मखाना, मखाना का आटा आदि.

भारत में कौनसा राज्य अधिक मखाना पैदा करता है?

बता दें, भारत में बिहार राज्य सबसे ज्यादा मखाना पैदा करता है. यह भारत के कुल उत्पादन का 85 फीसदी से भी अधिक है.

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