Kiwi Ki Kheti: कीवी की खेती कैसे करे? 15 साल तक होगी बढ़िया कमाई

Kiwi Ki Kheti | अगर आप एक प्रगतिशील किसान है और खेती में कुछ नया करना चाहते है तो इस बार आपको कीवी की खेती करनी चाहिए. भारत में कीवी की खेती व्यापारिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि बाजार में कीवी की मांग सालभर बनी रहती है. ऐसे में किसानों के लिए कीवी की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है. प्रिय किसान भाईयों, यदि आप कीवी की खेती वैज्ञानिक विधि से करते है तो फिर आपको इसकी अच्छी पैदावार मिल सकती है.

Kiwi Ki Kheti
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यदि आप भी कीवी खेती करना चाहते है तो फिर आपके लिए यह लेख बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको कीवी की खेती से जुडी विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे. जैसे कि- कीवी की वैज्ञानिक खेती कैसे करे? कीवी की खेती कैसे करे? कीवी की खेती के लिए जलवायु? कीवी की खेती करने वाले राज्य? कीवी की खेती में रोग? कीवी की खेती में खाद? कीवी की खेती में सिंचाई? Kiwi Ki Kheti आदि.

कीवी की खेती की जानकारी

बता दें, कीवी एक प्रकार का फल है जो आकार में छोटा, स्वाद में मीठा और तीखा होने के साथ- साथ बहुत सारे पोषण तत्वों से भरा होता है. कीवी की खेती एक लाभकारी व्यावसायिक खेती है, जिसकी खेती कई क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जा सकती है. यह फल उच्च पोषण मूल्य और अच्छी बाजारी मांग के कारण किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गया है. इसकी खेती के लिए उच्च जलवायु, अच्छी ड्रेनेज और उच्च गुणवत्ता वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है. कीवी की खेती की पूरी प्रक्रिया में बुआई से लेकर पौधरोपण, पानी प्रबंधन, उर्वरक का उपयोग और सही समय पर प्रोफिंग जैसे कई कदम शामिल होते है.

कीवी की खेती गहरी दोमट मिट्टी वाली हल्की अम्लीय मिट्टी में करना उपयुक्त माना जाता है. कीवी के पौधों का रोपण करने से पहले मिट्टी के पीएच मान की जांच आवश्य रूप से करवा लेनी चाहिए क्योंकि इसकी खेती 6.5 से 7.5 पी.एच मान वाली मिट्टी उत्तम मानी जाती है.

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कीवी की खेती का समय

भारत में कीवी ठंडी जगहों पर उगाई जाती है, इसलिए इसकी खेती जनवरी माह में ही होती है क्योंकि इस समय लगभग सभी राज्यों में ठंड पड़ती है. इसके पौधे में मार्च से अप्रैल माह तक फूल आते है और जून से जुलाई के बीच फल बनते है तथा अक्टूबर से दिसंबर के बीच फल पकते है.

कीवी की खेती वाले राज्य

बता दें, कीवी की खेती चीन, न्यूजीलैंड, इटली, अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, स्पेन और भारत जैसे कई देशों में होती है. वैसे, हमारे भारत देश में कीवी की खेती सर्वाधिक हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नागालैंड, केरल, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जैसे राज्यों में की जाती है.

कीवी की खेती के लिए जलवायु

कीवी की फसल को शीतोष्ण और हल्की उपोष्ण जलवायु की जरूरत होती है. बता दें, सामान्य बारिश इसके पौधे के लिए उपयुक्त होती है तथा अत्यधिक वर्षा इसकी खेती के लिए उपयुक्त नही होती है. कीवी का पौधे 15 डिग्री तापमान पर अच्छे से अंकुरित होता है तथा पौधों पर फल विकास के लिए 10 से 12 डिग्री तापमान होना चाहिए. इसके पौधे अधिकतम 30 से 32 डिग्री तापमान को ही सहन कर सकते है, इससे अधिक तापमान होने पर फसल नष्ट भी हो सकती है.

कीवी की उन्नत किस्म

बता दें, कीवी की विभिन्न प्रकार की उन्नत किस्मों की खेती भारत में की जाती है. किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही कीवी के किस्मों का चयन करना चाहिए ताकि अच्छा उत्पादन मिले. कुछ प्रमुख किस्मो की जानकारी निचे दी गई है:

  • मोंटी
  • एलिसन
  • एबाट
  • ब्रूनो
  • हेवर्ड
  • टुम्यूरी

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कीवी की खेती कैसे करे?

यदि आप कीवी की खेती से अच्छा उत्पादन चाहते है तो फिर आपको इसकी खेती सही विधि से करनी चाहिए. सही विधि से कीवी की खेती (Kiwi Ki Kheti) करने के लिए नीचे दी गई बातो को अवश्य ध्यान में रखे:

  • कीवी की खेती के लिए सबसे पहले खेत में मौजूद पुरानी फसलों के अवशेषों को हटाकर खेत की गहरी जुताई करे.
  • उसके बाद, खेत में कल्टीवेटर के माध्यम से 2 से 3 अच्छी तिरछी जुताई कर दे.
  • जुताई के बाद खेत में पाटा लगाकर उसे समतल बना दे, ताकि जलभराव की समस्या न हो.
  • कीवी के पौधों की रोपाई के लिए समतल भूमि में 1 फिट चौड़े और 2 फिट गहरे गड्डे तैयार कर ले.
  • यह सभी गड्डे पक्तियों में तैयार किए जाते है जिसमे प्रत्येक पंक्ति के मध्य 3 से 4 मीटर की दूरी होनी चाहिए तथा हर गड्डे के मध्य 4 से 5 मीटर की दूरी होनी चाहिए.
  • जब गड्डे पूरी तरह से तैयार हो जाए तब आपको इन गड्डे में पुरानी गोबर की खाद को उचित मात्रा में मिलाना है.
  • इसके बाद, इन गड्डे में पौधे की रोपाई कर दे.
  • कीवी का पौधा आप नर्सरी में तैयार कर सकते है या फिर खरीद कर भी पौधे की रोपाई कर सकते है.
  • जब आप पौधे की रोपाई कर दे तो इसके तुरंत बाद ही आपको एक हल्की सिंचाई कर देनी है.
  • फसल की पहली गुड़ाई, रोपाई के लगभग लगभग 15 से 20 दिन के बाद कर देनी चाहिए.
  • इसके बाद, जब भी फसल में खरपतवार नजर आए तब आपको तुरंत ही निराई- गुड़ाई करवा लेनी है. गुड़ाई करने से पौधों की जड़ों को उपयुक्त मात्रा में हवा मिलने लगती है.

कीवी की वैज्ञानिक खेती

बता दें, कीवी की वैज्ञानिक खेती एक उन्नत और प्रोफेशनल तरीके से की जाने वाली कृषि प्रथा है जिसमे विभिन्न वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक उपायों का उपयोग किया जाता है. इसमें बीज संगठन, बुवाई, पोषण, पानी प्रबंधन, रोग नियंत्रण और फसल के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाता है. विशेषज्ञों के आधार पर और अनुसंधान के परिणामों के आधार पर कीवी की खेती को लगातार सुधार जा रहा है ताकि फसल की उत्पादकता और गुणवत्ता में वृद्धि हो सके.

कीवी की खेती में खाद

हमारे देश में कीवी की खेती (Kiwi Ki Kheti) में सही खाद की मात्रा देना बहुत ही जरूरी है. इसके प्रत्येक पौधे को प्रति वर्ष 40 किलोग्राम गोबर की खाद, 850 ग्राम नाइट्रोजन, 500 ग्राम सुपर फास्फेट और 800 से 850 ग्राम पोटेशियम दिया जाना चाहिए. नाइट्रोजन को 2 भागो में दिया जाता है. इसका आधा भाग जनवरी-फरवरी में और शेष भाग फल बनने के बाद अप्रैल माह में दिया जाता है. पौधे विकास के साथ- साथ खाद की मात्रा को भी बढ़ा दिया जाता है. खेत में उर्वरक देने के पश्चात पौधों की तुरंत सिंचाई करे.

कीवी की खेती में सिंचाई

इसकी फसल में पानी पर विशेष ध्यान देना होता है. इसकी प्रारंभिक सिंचाई पौध रोपाई के तुरंत बाद कर दी जाती है. गर्मियों के मौसम में पौधों को 3 से 4 दिनों के अंतराल में पानी देना चाहिए तथा ठंड के मौसम में 8 से 10 दिनों के अंतराल में पानी देना चाहिए. वर्षा के मौसम में जरूरत पड़ने पर ही पानी देना चाहिए. वैसे, एक वर्ष में इसके पौधे को 18 से 20 सिंचाई की ही आवश्यकता होती है.

कीवी की खेती के लाभ

यदि आप कीवी की खेती करते है तो इससे आपको कई लाभ हो सकते है. वैसे, हमने नीचे कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी दी है जो कुछ इस प्रकार से है:

  • कीवी की मांग बाजार में बहुत ज्यादा है जिससे किसान भाइयों को अच्छा दाम मिल जाता है.
  • कीवी के अंदर उपस्थित पोषक तत्व मानव शरीर के लिए काफी लाभदायक होते है. इसमें विटामिन सी, विटामिन ई, फाइबर, एंटीऑक्साइड, कॉपर जैसे पोषक तत्व स्वस्थ रखने में मदद करते है.
  • कीवी की खेती वाले क्षेत्रों में छोटे श्रमिक लोगों को कीवी की तुड़ाई के समय रोजगार का अवसर भी मिलता है.

कीवी की खेती में रोग

बता दें, कीवी की फसल में अभी तक किसी तरह के खास रोग देखने को नही मिले है परंतु जलभराव की वजह से जड़ गलन रोग देखने को मिल सकता है. इसके लिए आप खेत में जलभराव न होने दे तथा बाविस्तीन का छिड़काव पौधों की जड़ों पर करे.

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कीवी की खेती में लागत व कमाई

बता दें, कीवी की खेती (Kiwi Ki Kheti) में कमाई पौधे की देख-रेख पर भी निर्भर करती है. ध्यान रहे कि जितनी अच्छी पौधों की देखरेख होगी, उतनी अधिक ही उपज प्राप्त होगी. वैसे, पूर्ण विकसित पौधे से लगभग 70 से 80 किलोग्राम पैदावार मिल सकती है. 1 एकड़ खेत में लगभग 100 से 150 पौधे लग सकते है जिनकी लागत लगभग 70 हजार होती है.

यदि कमाई की बात करे तो वर्तमान समय में कीवी का बाजार में भाव लगभग 60 से 70 रुपए/ प्रति किलो है. इस हिसाब से 1 एकड़ के खेत से किसान भाई 4 से 5 लाख रुपए की कमाई बड़ी आसानी से कर सकते है.

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

कीवी का पेड़ कितने दिन में फल देता है?

कीवी का पेड़ 4 से 5 वर्षो में फल देने लग जाता है तथा 10 वर्षी के बाद कीवी के पेड़ अच्छी संख्या में फल देना शुरू कर देता है.

भारत में कीवी के लिए कौन सा राज्य प्रसिद्ध है?

हमारे भारत देश में कीवी के लिए अरुणाचल प्रदेश प्रसिद्ध राज्य है क्योंकि भारत में उत्पादित कीवी का लगभग 80 फीसदी अरुणाचल प्रदेश है जोकि 7000 मिट्रिक टन है.

कीवी के फल में कितने बीज होते है?

कीवी के फल में लगभग 20 से 25 बीज होते है. अगर फल बड़े आकार का हो तो बीज इससे अधिक भी हो सकते है.

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