Kapas Ki Kheti: कपास की खेती कब और कैसे करें, पढ़े कपास बोने का सही समय

Kapas Ki Kheti Kaise Kare | प्रिय किसान भाईयो आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कपास की खेती भारत में सबसे ज्यादा की जाने वाली खेती में से एक है. कपास की फसल एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है जिसे किसान का सोना या श्वेत स्वर्ण के नाम से भी जाना जाता है. भारत में कपास की खेती मुख्य रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम, तामिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल आदि राज्यो में की जाती है.

Kapas Ki Kheti
Kapas Ki Kheti

आज का यह सुंदर लेख आप सभी किसान भाईयो के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम कपास की खेती से जुडी कई जानकारी देंगे जैसे की कपास की खेती कब होती है? कपास की खेती कैसे करे? कपास बोने की विधि? कपास की खेती किस मिट्टी में होती है? आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी आपको यहां इस लेख में मिलेगी.

कपास खेती की जानकारी

कपास की खेती पहाड़ी और मैदानी दोनो तरह के क्षेत्रों में की जा सकती है लेकिन कपास काली तथा दोमट मिट्टी में सबसे अच्छी होती है. कपास के फल का दो भागो में इस्तेमाल किया जाता है. पहला, इसमें जो रेशे निकलते है उससे कॉटन बनाकर कपड़े बनाने में उपयोग किया जाता है. दूसरा, इसके बीजों को पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा, इन बीजों का उपयोग खल के लिए भी किया जाता है. कपास की खेती करने के लिए मिट्टी का PH मान 6 के आस- पास होना चाहिए.

कपास की खेती कब और कैसे करें?

अधिकांश क्षेत्रों में कपास की बुवाई के लिए जून और जुलाई के माह को सबसे उपयुक्त माना जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उत्तर भारत के हिस्सों में, जून महीने के अंत तक इसकी बुआई की जाती है. वही, दक्षिण भारत में जुलाई तथा अगस्त माह कपास की बुआई करने के लिए उपयुक्त माना जाता है.

यदि आप कपास की खेती से अच्छी पैदावार चाहते है तो आपको कपास की बुवाई समय पर करनी चाहिए. बुवाई के पहले आपको खेत की मिट्टी को अच्छे से जोत कर लेना है. इसके बाद, आपको आवश्यकता अनुसार खाद डाल देना है. इसके बाद ही आपको बीजों की बुवाई करनी है.

यदि आप कपास की खेती करना चाहते है तो निम्नलिखित निर्देशों का पालन करे, इससे आपको इसकी खेती करने में मदद मिलेगी.

  • यदि आप कपास की खेती करना चाहते है तो आपको सबसे पहले भूमि का चयन कर खेत को जोत लेना है.
  • इसके बाद, आपको भूमि को समतल करवा लेना है क्योकि समतल करने पर आपको जल निकासी की समस्या नही आएगी.
  • अब आपको अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा लेनी है. ध्यान रखे की मिट्टी का पी.एच मान 6 के आस-पास होना चाहिए.
  • इसके बाद, आपको अपने खेत में आवश्यकता अनुसार खाद डाल देना है क्योकि खाद डालने से कपास के पौधे का विकास जल्दी होता है तथा पैदावार भी अच्छी होती है.
  • इतना करने के बाद, कपास की खेती के लिए भूमि अच्छे से तैयार हो जाएगी.
  • अब आपको अच्छे किस्म के बीजों का चयन कर लेना है. यहाँ पर ध्यान रखे कि आपको प्रमाणित बीजों का ही चयन करना है.
  • बुवाई करते समय आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि आपके खेत की मिट्टी में नमी हो. अगर मिट्टी में नमी न हो तो पहले आपको सिंचाई कर देनी है और फिर मिट्टी में नमी होने पर ही बुवाई करे.
  • कपास की खेती में आपको शुरुआती समय सिंचाई और खरपतवार का विशेष ध्यान देना होगा क्योकि इससे फसल ख़राब होने की सम्भावना बढ़ जाती है.

कपास बोने का सही समय

कपास बोने का समय आपके क्षेत्र के मौसम तथा जलवायु पर निर्भर करता है. देशी प्रजातियों के लिए अप्रैल का प्रथम तथा दूसरा पखवारा अच्छा रहता है. वही, अमेरिकन प्रजाति के लिए मध्य अप्रैल से मई प्रथम सप्ताह तक का समय बुवाई के लिए उपयुक्त है.

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प्रति हेक्टेयर कपास की पैदावार

कपास की उपज कपास की किस्मों पर निर्भर करती है. देशी किस्मों से लगभग 20 से 25 कुंटल कपास प्रति हेक्टेयर तथा अमेरिकन संकर किस्मों से लगभग 30 कुंटल तक की पैदावार प्रति हेक्टेयर में हो जाती है.

कपास की सिंचाई कब और कैसे करे?

कपास की अच्छी उपज के लिए सिंचाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. पहली सिंचाई आपको बुवाई के 20 दिनों बाद करनी चाहिए. यदि बीच में वर्षा नही होती है तो 2 सप्ताह के बाद सिंचाई की आवश्यकता होती है. परंतु आपको इसका विशेष ध्यान रखना है कि फुल व गूलर बनते समय सिंचाई न करे.

कपास की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

कपास की फसल एक उष्णकटिबंधीय फसल है जो अधिकतर गर्म जलवायु में अच्छी तरह से उगता है. कपास की खेती के लिए आपके क्षेत्र का तापमान कम से कम 21 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. फसल के विकास के दौरान अधिकतम तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए.

कपास की वैरायटी

कपास की खेती में मुख्य रूप से 2 तरह की प्रजातियां होती है:

  1. देशी प्रजातियां : लोहित, सी.ए.डी. 4, आर.जी. 8
  2. अमेरिकन प्रजातियां : एच.एस. 6, एच 777, एफ 846, आर.एस 2013 आदि

भारत में कपास की खेती कहां होती है?

कपास भारत की मुख्य खेती कृषि फसलों में से एक है. भारत में कपास की खेती अधिकतर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात जैसे राज्यों में होती है.

कपास की खेती किस मिट्टी में होती है?

कपास की खेती हर तरह की मिट्टी, जिसकी पी.एच मान 6 से 7 बीच होती है. इस फसल की पैदावार के लिए गहरी, गर्म, अच्छे निकास वाली तथा उपजाऊ मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. कपास की बिजाई के लिए रेतीली, खारी या जल जमाव वाली जमीन ठीक नही होती है. 

FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

कपास की फसल किस महीने में बोई जाती है?

कपास फसल की कई किस्में होती है तथा बुआई का समय कपास की प्रजाति के ऊपर निर्भर करता है. देशी प्रजातियों के लिए अप्रैल का प्रथम तथा दूसरा पखवारा बुवाई के लिए उपयुक्त है.

कपास कितने दिन में पकती है?

कपास को पूरी तरह से तैयार होने में कम से कम 230 से 260 दिनों का समय लगता है. यानी कि कपास को तैयार होने में लगभग 7 से 8 माह का समय लग जाता है.

कपास का दूसरा नाम क्या है?

कपास को रूई के नाम से भी जाना जाता है तथा व्यावसायिक जगत में यह श्वेत स्वर्ण के नाम से भी जाना जाता है.

1 एकड़ में कितना कपास उगाया जा सकता है?

कपास की पैदावार मौसम, मिट्टी की गुणवत्ता, बीज, आदि पर निर्भर करती है. देशी किस्मों से लगभग 20 से 25 क्विंटल कपास प्रति हेक्टेयर की पैदावार हो जाती है.

कपास सबसे ज्यादा कहाँ बोई जाती है?

आपकी जानकारी लिए बता दे कि गुजरात कपास का सबसे पड़ा उत्पादक राज्य है तथा कुल वैश्विक रेशा उत्पादन का लगभग 25% है.

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